राज्य कृषि समाचार (State News)

मिलेट्स बेहतर हैं- किसानों, धरती एवं आमजन के लिए- मंत्री  निर्मला भूरिया

31 मार्च 2025, झाबुआ: मिलेट्स बेहतर हैं- किसानों, धरती एवं आमजन के लिए- मंत्री  निर्मला भूरिया – आज की व्यस्ततम और भागदौड़ भरी जिंदगी में बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखना हर व्यक्ति के लिये एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। भौतिक विकास की दौड़ में आमजन हमारी पारम्परिक पोषणीय भोजन व्यवस्था के पुरातन आयामों को भूलता जा रहा है। आमजन के कीचन से ऐसे कई खाद्यान्न नदारद होते जा रहे  हैं, जिनका कुछ  दशकों  पूर्व हमारे घरों में अपरिहार्य स्थान हुआ करता था। बढ़ते शहरीकरण के साथ-साथ भोजनशैली मे जंक फूड  और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थो का चलन अनियंत्रित रूप से बढ़ता जा रहा है और यह हमारा तथा कथित स्टेटस सिंबल भी बनता जा रहा है। असंतुलित खानपान और जीवनशैली जनित बीमारियाँ आम होती जा रही है। उक्त विचार झाबुआ  में  आयोजित मिलेट मेला सह कार्यशाला में कार्यक्रम  की  मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग सुश्री निर्मला भूरिया ने व्यक्त किए । मोटा अनाज को अनाज के पुरखे बताते हुए  इन्हें  घर-घर तक  पहुंचाने  का  आह्वान  करते हुए कहा कि मिलेट्स बेहतर हैं, किसानों के लिए, धरती के लिए, आमजन के लिए।

मंत्री श्रीमती भूरिया ने जिले के किसानों को मिलेट फसलों की महत्ता और प्राकृतिक खेती की संभावनाओ पर ज़ोर देते हुएकहा कि जिले मे पैदा हो रहे मोटे अनाज एवं जैविक उत्पादों को जिले से बाहर आयोजित होने वाले कृषिगत मेलों, कार्यशाला जैसे कार्यक्रमों में प्रदर्शित कराया जाए ,ताकि उनकी फसलों का वाजिब दाम प्राप्त हो सके। सांसद श्रीमती अनिता नागर सिंह चौहान ने बताया कि मिलेट्स की वैश्विक स्तर पर मांग  बढ़  रही है, ये किसानों के लिए मल्टी न्यूट्रीसिरियल्स अनाज हैं। आपने मोटे अनाजों और लघुधान्यो, प्राकतिक खेती के साथ-साथ पशुपालन को अपनाने पर ज़ोर दिया। कलेक्टर नेहा मीना ने कहा कि जिले में प्राचीन समय से ही परंपरागत खेती होती आयी है आज जिले से प्रेरणा लेकर अन्य जिलों में भी परंपरागत खेती का उपयोग किया जा रहा है। यह हमारे लिए एक गर्व का विषय है।अध्यक्ष कृषि स्थायी समिति जिला पंचायत श्रीमती ममता बहादुर हटीला ने अपने उद्बोधन के दौरान बताया कि मिलेट्स को खरीफ तथा रबी दोनों मे उगाया जा सकता हैं । इनके उत्पादन के लिए हल्की भूमि की जरूरत होती हैं। किसानों को प्राकृतिक एवं जैविक खेती पर जोर देते हुए कहा कि इससे पर्यावरण सरंक्षण, कीट एवं बीमारियों के प्रकोप को जैविक आदानों द्वारा नियंत्रण करने के लिए कम लागत मे आय बढ़ाने का अच्छा तरीका है।

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तकनीकी सत्रों के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र बड़वानी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ एस. के. बड़ोदिया, मृदा वैज्ञानिक डॉ बी. कुमरावत एवं कृषि विज्ञान केंद्र धार के शस्य वैज्ञानिक डॉ जी. एस. गाठिये तथा कृषि विज्ञान केंद्र झाबुआ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. जगदीश मौर्य, डॉ. डी एस तोमर, डॉ वि. के. सिंह ने उन्नत कृषि, प्राकृतिक खेती, मिलेट्स खेती पर व्याख्यान दिये।  कृषकों  को हितलाभ वितरण अतिथियों  द्वारा   प्रदान किए गए। कार्यक्रम के दौरान कृषि विभाग सहित कृषिगत विभागों और स्वैच्छिक संगठन के अमले द्वारा सक्रिय सहभागिता की गई। कार्यक्रम का संचालन श्री मोहन डामोर एवं श्री गोपाल मुलेवा ने किया। आभार प्रदर्शन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्रीमती सरोज मौर्य ने किया।

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