अदरक के औषधीय गुण
03 फ़रवरी 2025, भोपाल: अदरक के औषधीय गुण – जुकाम- यदि जाड़े की ऋतु में भयंकर जुकाम हो रहा हो, जिसके कारण गला रूंध गया हो तो अदरक का रस 10 ग्राम शहद में मिला कर रोगी को दिन में 2-3 बार दें, लाभ होगा।
इन्लूएंजा पर- इंलूएंजा के ज्वर में एक चाय के चम्मच भर अदरक का रस और उतनी हो शहद एक साथ मिलाकर देने से निश्चित ही लाभ होता है। यह औषधि सूखी या बलगम युक्त खांसी में लाभप्रद है।
भूख बढ़ाने के लिए- खाने से पूर्व नमक के साथ अदरक खाने से भूख बढ़ती है। और मुंह का जायज ठीक होता है। सोंठ का चूर्ण भी भोजन के साथ या भोजन से पूर्व फांकना लाभदायक होता हैं।
खांसी – अदरक का रस 12 ग्राम, सेंधा नमक 125 मिलीग्राम, शहद 2 ग्राम, काली मिर्च को बारीक पीसकर अदरक के रस में मिला दें। तत्पश्चात उसमें शहद डालकर अच्छी तरह फेट डालें। इसे सुबह – शाम थोड़ा कुछ दिनों तक चाटने से खांसी दूर होती है।
चोट लगने पर- अदरक पीसकर गर्म कर लें। इसकी दर्द वाले स्थान पर लगभग आधा इंच (मोटाई) लेप करके पट्टी बांधे लगभग 2 घंटे बाद लेप को हटायें व सरसों को तेल लगाकर सेक लें। इस प्रक्रिया को लाभ होने पर प्रतिदिन करें।
अपच- भोजन के उपरांत अदरक व नींबू के रस में सेंधा नमक मिलाकर प्रात: साय पीते रहने से अपच दूर हो जाती है। और भूख खूब लगती हैं।
कान का दर्द- अदरक का रस किंचित गर्म करके कान में डालने से कान का दर्द तुरंत समाप्त हो जाता है।
दंतशूल- दांतों में दर्द होते समय अदरक के टुकड़े दांतों के बीच में दबाकर रखने से दांतों का दर्द समाप्त हो जाता है।
न्यूमोनिया- अदरक के रस में 2-1 वर्ष पुराना घृत व कपूर मिलाकर गर्म करके लेप करना तत्काल लाभ करता है।
अम्लपित- अदरक के रस 2 ग्राम में अनार का रस 5 ग्राम मिलाकर देने से अम्लपित ठीक हो जाता हैं।
अजीर्ण- कुछ दिनों तक अदरक का रस सेवन करते रहने से अजीर्ण में लाभ होता है। और भूख खुलकर लगने लगती है।
नेत्र रोग- अदरक को जलाकर उसकी राख बारीक पीसकर रख लें। यह राख नेत्रांजन करने से नेत्रों में ढलका जाना, जाला पडऩा आदि रोग दूर हो जाते हैं।
सिर दर्द- सिर में दर्द या शरीर के जोड़ों में किसी भी कारण से पीड़ा होने पर अदरक के रस में सेंधानमक या हींग मिलाकर मालिश करें I
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