Maize Purchase: MSP 2225 रुपये, फिर भी क्यों नहीं पहुंच रहे किसान क्रय केंद्रों तक?
28 जून 2025, लखनऊ: Maize Purchase: MSP 2225 रुपये, फिर भी क्यों नहीं पहुंच रहे किसान क्रय केंद्रों तक? – उत्तर प्रदेश में मक्का खरीद की सरकारी योजना को शुरू हुए 11 दिन बीत चुके हैं, लेकिन किसानों का रुझान अब भी ठंडा है। सरकार ने मक्का के लिए 2225 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय किया है, फिर भी अब तक केवल 93 टन मक्का ही खरीदा जा सका है, वह भी सिर्फ 17 किसानों से। पहले आठ दिनों तक तो क्रय केंद्रों पर एक भी किसान नहीं पहुंचा। आखिर क्या वजह है कि इतनी अच्छी कीमत के बावजूद किसान क्रय केंद्रों से दूरी बना रहे हैं?
धीमी शुरुआत, प्रचार की कमी
15 जून से शुरू हुई मक्का खरीद की योजना 31 जुलाई तक चलेगी। यह खरीद प्रदेश के 22 जिलों—अलीगढ़, एटा, कासगंज, फिरोजाबाद, हाथरस, मैनपुरी, बदायूं, बुलंदशहर, इटावा, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर, औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद, बहराइच, बलिया, अयोध्या, मीरजापुर, गोंडा, संभल और रामपुर में की जा रही है। इसके लिए 150 क्रय केंद्र खोले जाने हैं, जिनमें से 120 पहले ही शुरू हो चुके हैं।
लेकिन आंकड़े निराशाजनक हैं। अब तक केवल 1377 किसानों ने पंजीकरण कराया है, और सिर्फ 17 किसानों ने अपनी फसल बेची है। सूत्रों का कहना है कि शुरुआत में विभागीय पोर्टल पर पंजीकरण में तकनीकी समस्याएं आईं, जिसने किसानों की राह मुश्किल की। इसके अलावा, खरीद नीति को देर से लागू करना और प्रचार-प्रसार की कमी भी बड़ा कारण मानी जा रही है।
किसान क्यों हैं उदासीन?
किसानों का उत्साह न दिखाने के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, खरीद नीति के बारे में जागरूकता की कमी है। ग्रामीण इलाकों में कई किसानों को यह जानकारी ही नहीं है कि सरकार मक्का खरीद रही है। दूसरा, पंजीकरण की प्रक्रिया को लेकर भी कुछ जटिलताएं सामने आई हैं। हालांकि, खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों का दावा है कि अब पंजीकरण में कोई समस्या नहीं है और जल्द ही खरीद की गति बढ़ेगी।
कैसे करें पंजीकरण?
मक्का बेचने के लिए किसानों को पहले पंजीकरण कराना जरूरी है। पंजीकरण के लिए किसान खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट fcs.up.gov.in या UP KISAN MITRA मोबाइल ऐप का उपयोग कर सकते हैं। पंजीकरण के लिए किसान का बैंक खाता आधार से लिंक होना अनिवार्य है। अधिक जानकारी के लिए टोल-फ्री नंबर 18001800150 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती दिक्कतों को दूर कर लिया गया है। उनका मानना है कि जैसे-जैसे जागरूकता बढ़ेगी, वैसे-वैसे क्रय केंद्रों पर किसानों की भीड़ भी बढ़ेगी। विभाग ने जिला स्तर पर प्रचार-प्रसार तेज करने के निर्देश दिए हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।
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