राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश ने केन्द्र से मांगी महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता, सिंहस्थ महापर्व के लिए आगामी बजट में प्रावधान की मांग

22 दिसंबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश ने केन्द्र से मांगी महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता, सिंहस्थ महापर्व के लिए आगामी बजट में प्रावधान की मांग –  केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में शुक्रवार को जैसलमेर में आयोजित प्री-बजट मीटिंग में मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने राज्य के लिए विभिन्न वित्तीय प्रावधानों की मांग की। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री ने राज्य के विकास के लिए कुछ प्रमुख अनुरोध किए और विभिन्न योजनाओं में केन्द्र सरकार से वित्तीय सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता जताई।

उपार्जन की लागत को लेकर पुनरीक्षण की आवश्यकता

उपमुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने खाद्यान्न उपार्जन में आने वाली विभिन्न लागतों जैसे मण्डी लेबर, परिवहन व्यय, सोसायटी कमीशन, भण्डारण और बारदाना लागत में वृद्धि का उल्लेख किया और केन्द्र से इन मदों के लिए निर्धारित दरों का शीघ्र पुनरीक्षण करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इन लागतों में बढ़ोतरी से राज्य सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ रहा है, जो समय पर पुनरीक्षण से कम हो सकता है।

ग्रामीण सड़कों के निर्माण और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना जैसे कार्यक्रमों पर राज्य का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। उपमुख्यमंत्री ने केन्द्र से 60-40 प्रतिशत के अनुपात में वित्तीय सहायता की मांग की। साथ ही, स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी राज्य को और अधिक संसाधनों की आवश्यकता बताई।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के सुधार की आवश्यकता

श्री देवड़ा ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत कृषि श्रमिकों के लिए निर्धारित मजदूरी दर में सुधार की आवश्यकता जताई। इसके साथ ही, उन्होंने इस योजना में प्रशासनिक मद के लिए खर्च की सीमा को 6 प्रतिशत तक बढ़ाने का अनुरोध किया। विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति वर्ग के रोजगार के लिए 100 दिन के बजाय 150 दिन की गारंटी देने की बात कही।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों और भूजल स्तर के गिरते स्तर को देखते हुए जल संरक्षण के लिए विशेष बजट प्रावधान करने का अनुरोध किया। उपमुख्यमंत्री ने जल शेड विकास परियोजनाओं के लिए केन्द्र से वित्तीय सहायता की आवश्यकता जताई।

सिंहस्थ महापर्व के आयोजन के लिए विशेष प्रावधान की मांग

उपमुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने उज्जैन में 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महापर्व के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विकास और जन-सुविधाओं के लिए विशेष प्रावधान की मांग की। उन्होंने आगामी बजट में सिंहस्थ आयोजन के लिए विशेष योजनाओं की व्यवस्था करने का अनुरोध किया।

प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष पूंजीगत सहायता योजना के संबंध में आम जनता के जीवन-यापन में सकारात्मक परिवर्तन भी हो रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश का कुल पूंजीगत व्यय रूपये 46 हजार 798 करोड़ था जो लगभग 23 प्रतिशत वृद्धि के साथ वर्ष 2023-24 में रूपये 57 हजार 348 करोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 में लगभग रूपये 64 हजार 738 करोड़ का पूंजीगत व्यय अनुमानित है। वर्ष 2024-25 के लिए रूपये 6 हजार 187 करोड़ 73 लाख की राशि प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार को धन्यवाद दिया।

उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने राज्य की ओर से बजट की तैयारी से संबंधित सुझाव देते हुए कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अंतर्गत वित्त पोषित राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, राष्ट्रीय विधवा पेंशन एंव राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजनाओं में वित्त पोषण की वर्तमान व्यवस्था पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से 2024 के मध्य प्रतिवर्ष 0.29 प्रतिशत से लेकर 0.44 प्रतिशत तक की जीवन-प्रत्याशा में वृद्धि हुई है। योजनान्तर्गत हितग्राहियों की वर्तमान पंजीबद्ध संख्या 24 लाख 14 हजार से बढ़कर 29 लाख 43 हजार होना अनुमानित है। केन्द्र सरकार द्वारा मात्र 15 लाख 75 हजार हितग्राहियों के मान से ही वित्त पोषण किए जाने से राज्य सरकार को अतिरिक्त व्यय वहन करना पड़ रहा है। वर्ष 2013-14 में योजना के हितग्राहियों की संख्या की अधिकतम सीमा के पुनरीक्षण पर विचार किया जाना चाहिए।

जल जीवन मिशन योजना की शेष राशि का आग्रह

जल जीवन मिशन योजना के लिये उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि केन्द्र से मिशन की दूसरी किश्त की द्वितीय व तृतीय ट्रेंच की राशि रूपये 1 हजा़र 422 करोड़ की राशि प्राप्त नहीं होने से राज्य सरकार ने स्वयं के स्त्रोतों से योजनाओं के कार्यों को जारी रखा है। वर्ष 2024-25 में इन कार्यों के लिए रूपये 17 हजा़र करोड़ की आवश्यकता अनुमानित है, जिसमें केन्द्र की सहभागिता के अनुसार प्रदेश को रूपये 8 हजा़र 500 करोड़ की राशि भारत सरकार से अपेक्षित है। उन्होंने केन्द्रांश के लिए रूपये 4 हजा़र 456 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान करने और द्वितीय किश्त की शेष राशि रूपये 1 हजा़र 422 करोड़ उपलब्ध कराने का आग्रह किया।

इस मीटिंग में उपमुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक सुधारों और वित्तीय मदद की आवश्यकता की ओर ध्यान आकर्षित किया, ताकि राज्य के विकास के मार्ग को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।

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