मध्यप्रदेश: पंजीकृत गौशालाओं को मिलेगा अब 40 रुपए प्रतिदिन अनुदान
08 जनवरी 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश: पंजीकृत गौशालाओं को मिलेगा अब 40 रुपए प्रतिदिन अनुदान – मध्यप्रदेश में गौ-संवर्धन और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने एक नई योजना की घोषणा की है। अब पंजीकृत गौशालाओं में रहने वाले हर गौ-वंश के लिए 40 रुपए प्रतिदिन अनुदान दिया जाएगा, जो पहले 20 रुपए था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह जानकारी पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक के बाद दी।
बैठक में गौ-वंश के लिए अत्याधुनिक गौशालाओं के निर्माण और पशुपालकों को अतिरिक्त लाभ पहुंचाने के कई प्रस्तावों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि गौ-वंश पालन से सीएनजी और बॉयोगैस संयंत्रों की स्थापना को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
आधुनिक गौशालाओं का होगा निर्माण
डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल, इंदौर, और जबलपुर जैसे बड़े शहरों के अलावा अन्य नगर पालिकाओं में भी आधुनिक गौशालाएं बनाई जाएंगी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में कुल 187 लाख गौ-वंश हैं, जिनमें से 90.96% यानी 170.537 लाख देसी नस्ल के गौ-वंश है। वर्तमान में प्रदेश में 3.15 लाख गौ-वंश के लिए 2190 पंजीकृत गौशालाएं संचालित की जा रही हैं। इनमें से 627 गौशालाएं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा और 1563 गौशालाएं मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना के तहत चल रही हैं। इनमें 1.95 लाख गौ-वंश और मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना के अंतर्गत 1563 गौ-शालाओं में 1.20 लाख गौ-वंश रखे गए हैं।
पशुपालन मंत्री श्री लखन पटेल ने सुझाव दिया कि पालतू और निराश्रित गौ-वंश की पहचान के लिए अलग-अलग रंग के टैग लगाए जाएं। साथ ही, उन्होंने बॉयो सीएनजी संयंत्र लगाने पर जोर दिया। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने बैठक में नस्ल सुधार और बछिया उत्पादन के लिए सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक के अधिक उपयोग का सुझाव दिया।
252 करोड़ का बजट प्रावधान, अतिरिक्त 34.65 करोड़ की आवश्यकता
प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव ने बताया कि 2024-25 के वित्त वर्ष में गौशालाओं के लिए 252 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। अनुदान बढ़ाने से इस वित्त वर्ष में 34.65 करोड़ रुपए के अतिरिक्त प्रावधान की आवश्यकता होगी।
मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिए कि गौशालाओं का नियमित निरीक्षण किया जाए ताकि अनुदान राशि का दुरुपयोग न हो। उन्होंने समाज के सहयोग से गौशालाओं के संचालन और पंचायत स्तर पर गोचर भूमि खाली कराने का अभियान चलाने के निर्देश दिए।
डॉ. यादव ने कहा कि बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए गाय के दूध के उत्पादन और विपणन को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने घरों में गौ-वंश पालने के लिए जल्द एक नई योजना शुरू करने के भी संकेत दिए।
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