राज्य कृषि समाचार (State News)

खेती में मशीनों का उपयोग बढ़ाकर मध्य प्रदेश ने किया क्रांतिकारी कामः श्री चौहान

04 सितम्बर 2023, भोपाल: खेती में मशीनों का उपयोग बढ़ाकर मध्य प्रदेश ने किया क्रांतिकारी कामः श्री चौहान – मध्य प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में मशीनों का उपयोग बढ़ाने के लिए एक मजबूत 3800 कस्टम हायरिंग केन्द्रों का मजबूत नेटवर्क तैयार कर खेती में बड़ा बदलाव ला दिया है। किसानों ने 2018-19 से अब तक पिछले पाँच वर्षों में 1 लाख 23 हजार ट्रेक्टर खरीदे हैं, जो प्रदेश में कृषि यंत्रीकरण की बढ़ती पसंद को दर्शाता है।

राज्य सरकार कस्टम हायरिंग केन्द्रों को प्रोत्साहित कर रही है, जिन्हें सहकारी समितियाँ, स्व-सहायता समूह, निजी और ग्रामीण उद्यमियों द्वारा संचालित किया जाता है, ताकि छोटे और मझौले किसानों को कृषि यंत्रों की सुविधा आसानी से मिल जाये।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश ने वर्ष 2012 में कस्टम हायरिंग सेंटर की पहल की थी। इसे वर्ष 2014 में केंद्र सरकार ने अपनाया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की जरूरत को देखते हुए कृषि मशीनरी के उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता को बारंबार दोहराया है।

कृषि मेकेनाइजेशन के मॉडल

कस्टम हायरिंग सेंटर इस उददेश्य के साथ बनाए गए हैं कि वे 10 किलोमीटर के आस-पास के दायरे में करीब 300 किसानों को सेवाएँ दे सके। इन केन्द्रों की सेवाओं को ज्यादा से ज्यादा लाभकारी बनाने के लिए केंद्रों की संख्या को सीमित रखा गया है। मध्य प्रदेश में वर्तमान में 3800 किसान कस्टम हायरिंग सेंटर चला रहे हैं।

तमिलनाडु, उडीसा, और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी यही मॉडल अपनाने के लिए परीक्षण किया जा रहा है। मध्य प्रदेश ने कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय के संचालक श्री राजीव चौधरी के अनुसार फार्म मेकेनाइजेशन को कौशल विकास से जोड़ने की पहल की गई है।

कस्टम हायरिंग सेंटर से छोटे किसानों को किराये पर मशीन मिल जाती है, जिसके लिए भारी पूंजी निवेश की आवश्यकता होती है। राज्य सरकार 40.00 लाख से लेकर 2.50 करोड़ कीमत वाली नई और आधुनिक कृषि मशीनों के लिए हाई-टेक हब बना रही है। अब तक 85 गन्ना हार्वेस्टर्स के हब बन गए हैं।

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