भूमि स्वामियों को बंटाईदार अधिनियम में अनुबंध कराने की सलाह
28 नवम्बर 2022, इंदौर: भूमि स्वामियों को बंटाईदार अधिनियम में अनुबंध कराने की सलाह – प्रायः कृषकों और भू-स्वामियों द्वारा अपनी भूमि अन्य व्यक्तियों को धन या फसल का अंश भूमि स्वामी को देकर खेती के लिए भूमि दे दी जाती है, जिसे सामान्य तौर पर बंटाई , सिकमी या अन्य स्थानीय नामों से जाना जाता है। इस संबंध में मध्यप्रदेश भूमि स्वामी एवं बंटाईदारों के हित संरक्षण अधिनियम 2016 के अनुरूप भूमि बंटाई पर दिए जाने की मान्यता प्रदान की गई है। अधिनियम भूमि स्वामी बंटाईदार दोनों के हितों का संरक्षण करता है।
अब कोई भी भूमि स्वामी अपनी भूमि बंटाई पर देने या किसी व्यक्ति द्वारा बंटाई पर लेने की वैधानिकता तभी मानी जाएगी, जब दोनों पक्षों के द्वारा मध्यप्रदेश भूमि स्वामी बंटाईदारों के हित संरक्षण अधिनियम 2016 के नियम 4 के तहत अनुबंध निष्पादित किया हो और एक प्रति संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार को उपलब्ध कराई हो।
अतः भू स्वामियों/किसानों को सलाह है कि भूमि बंटाई पर देने से पहले उक्त अधिनियम में अनुबंध कराएं। अब कोई भी बंटाईदार , भूमि बंटाई पर लेकर यदि वह फसल क्षति की देय राहत राशि, बीमा राशि और कृषि उपज का उपार्जन के लिए शासन द्वारा तभी स्वीकार माना जाएगा जब भूमि स्वामी और बंटाईदार के मध्य उपरोक्त अधिनियम के अंतर्गत अनुबंध निष्पादित हुआ हो। विधिवत अनुबंध के अभाव में उपरोक्त हित लाभ दिया जाना संभव नही होगा।लेकर यदि वह फसल क्षति की देय राहत राशि, बीमा राशि और कृषि उपज का उपार्जन के लिए शासन द्वारा तभी स्वीकार माना जाएगा, जब भूमि स्वामी और बटाईदार के मध्य उपरोक्त अधिनियम के अंतर्गत अनुबंध निष्पादित हुआ हो। विधिवत अनुबंध के अभाव में उपरोक्त हित लाभ दिया जाना संभव नहीं होगा।
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