राज्य कृषि समाचार (State News)

कृषक उन्नति योजना: छत्तीसगढ़ के किसानों की आमदनी में इज़ाफा, जानें कैसे बढ़ रही है कृषि की समृद्धि

19,257 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से बढ़ी किसानों की कमाई

06 दिसंबर 2024, रायपुर: कृषक उन्नति योजना: छत्तीसगढ़ के किसानों की आमदनी में इज़ाफा, जानें कैसे बढ़ रही है कृषि की समृद्धि – छत्तीसगढ़ में किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से कृषक उन्नति योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उचित मूल्य पर उनकी फसल बेचने का मौका देना और कृषि के लिए उन्नत तकनीकों को बढ़ावा देना है। इसके माध्यम से धान की खरीद, आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग और नवीन कृषि तकनीकों में निवेश को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

राज्य के नारायणपुर जिले के ग्राम एडका और बाकुलवाहि के दो किसानों ने इस योजना के माध्यम से अपनी आमदनी को बेहतर होते देखा है। श्रीमती सुकाली बाई और श्री जयलाल ने योजना के तहत धान बेचकर न केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ उठाया बल्कि अतिरिक्त आय भी प्राप्त की।

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क्या है कृषक उन्नति योजना?

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार, खरीफ वर्ष 2023-24 से ‘कृषक उन्नति योजना’ लागू की गई है। योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ 19,257 रुपये की आदान सहायता राशि प्रदान की जा रही है। साथ ही, धान की प्रति क्विंटल 2,183 रुपये की दर से खरीदी की जा रही है और राज्य के किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदा जा रहा है, साथ ही पिछले दो वर्षों के बकाया बोनस का भुगतान भी किया जा रहा है।

श्री जयलाल की कहानी:

नारायणपुर जिले के ग्राम एडका के किसान श्री जयलाल ने 5.23 एकड़ भूमि पर धान की फसल उगाई। उन्होंने कुल 64 क्विंटल धान खरीदी केंद्र पर बेचा, जिससे उन्हें 1,39,712 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में मिले। कृषक उन्नति योजना के तहत उन्हें अतिरिक्त 1,01,714 रुपये मिले। कुल मिलाकर, उनके खाते में 2,40,426 रुपये जमा हुए।

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श्रीमती सुकाली बाई का अनुभव:

ग्राम बाकुलवाहि की किसान श्रीमती सुकाली बाई ने 6 एकड़ भूमि पर धान की खेती की। उन्होंने 126 क्विंटल धान बेचा और 2,75,058 रुपये की राशि न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत अर्जित की। इसके अलावा, योजना के तहत उन्हें 1,15,542 रुपये अतिरिक्त प्राप्त हुए। इस तरह उनके खाते में कुल 3,90,600 रुपये जमा हुए।

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श्री जयलाल और श्रीमती सुकाली ने बताया कि यह राशि उनके घरेलू खर्चों, बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि कार्यों में उपयोगी साबित हुई। उन्होंने कहा कि धान की प्रति क्विंटल की दर पर दिया जा रहा भुगतान देश में सबसे अधिक है, जो उनकी जरूरतों को पूरा करने में सहायक है।

योजना के तहत उन्नत कृषि यंत्रों और तकनीकों को अपनाने पर भी जोर दिया जा रहा है। इससे खेती में लगने वाले समय और श्रम की बचत हो रही है और उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।

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