राज्य कृषि समाचार (State News)

भिंड में पराली प्रबंधन के प्रचार-प्रसार एवं निगरानी के दिए निर्देश

10 अक्टूबर 2025, भिंड: भिंड में पराली प्रबंधन के प्रचार-प्रसार एवं निगरानी के दिए निर्देश – उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास भिण्ड श्री के.के. पाण्डेय ने समस्त विकास खण्ड वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को पराली? नरवाई  प्रबंधन के प्रचार-प्रसार एवं निगरानी के  निर्देश  दिए।

उप संचालक ने निर्देशित कर कहा है कि जिले में धान फसल का रकबा निरंतर विस्तृत होता जा रहा है, किंतु धान की पराली जलाने से भूमि की उर्वरता एवं पर्यावरण पर गंभीर विपरीत प्रभाव जैसे मृदा उर्वरकता में कमी, पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि, पशुओं एवं मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव, मृदा में लाभकारी जीवाणुओं का नष्ट होना आदि पड़ते हैं। इन दुष्प्रभावों को रोकने तथा पराली न जलाने के विकल्प के रूप में किसानों को पराली को खेत में ही रोटावेटर या हैप्पीसीडर द्वारा भूमि में मिला देना, मल्चर, सुपर सीडर, रीपर कम्बाइंडर जैसे यंत्रों का उपयोग करना, पराली से कम्पोस्ट, चारा, बायोगैस निर्माण हेतु उपयोग, सुपर सीडर से पराली में सीधी गेहूं दलहनी फसलों की बोनी करना जैसे उपायों को अपनाने हेतु प्रेरित किया जावे, जिससे किसानों की लागत एवं समय की बचत होती है। धान-गेहूं के फसली चक में यदि धान की पराली को खेतों में ही रहने दिया  जाए  तो गेहूं की फसल में  बढ़ोतरी  होती है, जमीन की सेहत अच्छी होती है व खाद की खपत भी कम होती है।

हैप्पी सीडर/सुपर सीडर से खेतों में ही पराली का उपयोग करने से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। धान की कटाई के बाद पराली को बिना खेतों से निकाले, गेहूं की बुवाई हैप्पी सीडर मशीन द्वारा की जा सकती है। इस मशीन से धान की पराली को बिना जलाये ही गेहूं की बुवाई हो जाती है। अतः आप अपने विकास खंडों में मैदानी स्तर के अमले के माध्यम से ग्राम पंचायतों में किसानों को पराली प्रबंधन का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करते  हुए किसानों को जागरूक करना सुनिश्चित करें।

आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture