व्यापारियों को दी भावांतर योजना की जानकारी
08 अक्टूबर 2025, ग्वालियर: व्यापारियों को दी भावांतर योजना की जानकारी – ग्वालियर जिले के सोयाबीन उत्पादक किसानों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप “भावांतर भुगतान योजना” का लाभ दिलाने के लिये व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने संबंधित एसडीएम एवं किसान कल्याण व कृषि विकास सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को कृषि उपज मंडियों में सोयाबीन की बिक्री पर नजर रखें। साथ ही पात्र किसानों को इस योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिए हैं।
इस सिलसिले में रविवार को एसडीएम लश्कर श्री नरेन्द्र बाबू यादव ने कृषि उपज मंडी लश्कर में मंडी के व्यापारियों एवं उप संचालक कृषि सहित अन्य संबंधित अधिकारियों की बैठक ली। कृषि उपज मंडी लश्कर में सोयाबीन उत्पादक किसानों की मदद के लिये हेल्प डेस्क भी स्थापित की गई है। एसडीएम श्री यादव ने व्यापारियों को जानकारी दी कि पंजीकृत किसानों का एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से मंडी में कम कीमत पर सोयाबीन बेचने पर घाटे की भरपाई भावांतर भुगतान योजना के तहत की जायेगी। व्यापारियों से कहा गया कि वे इस योजना के क्रियान्वयन में सहयोग करें और उचित मूल्य पर किसानों से सोयाबीन की खरीदी करें।
ज्ञात हो जिले के 15 गाँवों के लगभग 450 किसानों ने 715 हेक्टेयर में सोयाबीन लगाया है। ग्वालियर जिले में मौजूदा खरीफ मौसम में लगभग 715 हेक्टेयर रकबे में सोयाबीन की बोनी हुई है। जिले के विशेषकर घाटीगाँव विकासखंड के 15 गाँवों में निवासरत 450 किसानों ने सोयाबीन लगाया है। इन गाँवों में आरौन, पाटई, करही, सबराई, मोहना, दौरार, बड़कागाँव, बन्हेरी, बराहना, सेंकरा, दुरसेड़ी, धुंआ, झाड़ौली, महारामपुरा व सिरसा शामिल हैं।
17 अक्टूबर तक करा सकते हैं पंजीयन – भावांतर भुगतान योजना के तहत सोयाबीन उत्पादक किसानों का पंजीयन 3 अक्टूबर से शुरू हो चुका है। किसान भाई 17 अक्टूबर तक अपना पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन का काम सोसाइटी स्तर पर स्थापित पंजीयन केंद्र, ग्राहक सेवा केंद्र, एमपी ऑनलाइन कियोस्क व एमपी किसान एप पर कराया जा सकता है। किसान भाई इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान भाई 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक मंडी में अपनी सोयाबीन फसल विक्रय कर सकेंगे।
इस प्रकार मिलेगा लाभ – सोयाबीन का विक्रय मूल्य, एमएसपी से कम लेकिन मंडी के मॉडल भाव से अधिक होने पर विक्रय मूल्य एवं एमएसपी के अंतर की राशि किसान को प्रदान की जाएगी। उदाहरण के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, 5328/- और सोयाबीन का मॉडल भाव 4600/- रुपये है, तथा किसान का विक्रय मूल्य 4800/-रहा तो विक्रय मूल्य एवं एमएसपी के अंतर की राशि 528/- रुपये भावांतर की राशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार विक्रय मूल्य, एमएसपी और मंडी के मॉडल भाव दोनों से कम होने पर मॉडल भाव एवं एमएसपी के अंतर की राशि किसान को प्रदान की जाएगी। उदाहरण के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, 5328/- और सोयाबीन का मॉडल भाव 4600/- रुपये है, तथा किसान का विक्रय मूल्य 4500/- रहा तो मॉडल भाव एवं एमएसपी के अंतर की राशि 728/- रुपये भावांतर की राशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। विगत 2 सप्ताह में विक्रय की गई सोयाबीन का औसत विक्रय मूल्य मॉडल भाव माना जायेगा। यह प्रतिदिन निर्धारित होगा। किसानों द्वारा मंडी में सोयाबीन की बिक्री की जाने पर पात्रता अनुसार 15 दिवस में भावांतर की राशि का किसान के आधार लिंक बैंक खाते में सीधे अंतरण किया जाएगा।
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