राज्य कृषि समाचार (State News)

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने अलसी की 17 उन्नत किस्में विकसित कीं

07 सितम्बर 2023, रायपुर: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने अलसी की 17 उन्नत किस्में विकसित कीं – इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद एवं इंडियन सोसायटी ऑफ आइलसीड रिसर्च, हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में अलसी एवं कुसुम पर दो दिवसीय वार्षिक कार्यशाला हुई । मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल थे। समापन समारोह की अध्यक्षता भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सहायक महानिदेशक (दलहन एवं तिलहन) डॉ. संजीव गुप्ता ने की। समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. चंदेल ने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में अलसी एवं कुसुम परियोजना के तहत काफी अच्छा कार्य किया गया है। परियोजना के अंतर्गत अलसी की 17 नवीन उन्नत प्रजातियां तथा कुसुम की 3 नवीन उन्नत प्रजातियां विकसित की गई है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को बधाई और शुभकामनाएं दी।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेश डॉ. संजीव गुप्ता ने कहा कि अलसी और कुसुम फसलों पर आयोजित कार्यशाला के दौरान परियोजना के तहत विगत वर्षां में किये गये कार्यां तथा उपलब्धियों की समीक्षा की गई तथा आगामी वर्ष के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। डॉ. गुप्ता इन दोनों फसलों के अन्तर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में किये जा रहे अनुसंधान कार्यां की सराहना भी की। इस अवसर पर दलहनी एवं तिलहनी फसलों के अनुसंधान कार्य में विशिष्ट योगदान देने वाले कृषि वैज्ञानिकों को सम्मानित भी किया गया। कार्यशाला में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में अलसी के रेशे से लिनन कपडा निर्माण की प्रौद्योगिकी को भी प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. आर.के. माथुर, आई.सी.ए.आर.-एन.बी.ए.आई.आर. के निदेशक डॉ. सुशील, एन.आई.बी.एस.एम. बरौंडा के निदेशक डॉ. पी.के. घोष, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान तथा कार्यशाला समन्वयक डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी तथा सह-समन्वयक डॉ. नंदन मेहता, डॉ. राजीव श्रीवास्तव, डॉ. संजय द्विवेदी एवं बी.पी. कतलम भी उपस्थित थे।

Advertisement
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम )

Advertisements
Advertisement5
Advertisement