दुनिया की खाद्य सुरक्षा में भारत और मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान

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20 फरवरी 2023,  इंदौर ।  दुनिया की खाद्य सुरक्षा में भारत और मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान – मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है आज दुनिया में खाद्य सुरक्षा सबसे जरूरी है। वर्ष 2030 तक दुनिया की खाद्य आवश्यकता 345 मिलियन टन हो जाएगी। दुनिया की खाद्य सुरक्षा में भारत और म.प्र. का महत्वपूर्ण योगदान होगा। आज भारत स्वयं के साथ ही विश्व की खाद्यान्न आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है। अकेले म.प्र. ने इस वर्ष 21 लाख मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात किया है।

पिछले 18 वर्षों में म.प्र. में बुआई रकबे एवं उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। प्रदेश में 18 वर्ष पहले बुआई रकबा 199 लाख हेक्टेयर था, जो आज बढ़ कर 299 लाख हेक्टेयर हो गया है, वहीं उत्पादन 169 लाख मीट्रिक टन से बढ़ कर 619 मीट्रिक टन हो गया है।

श्री चौहान ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में भारत का पूरी दुनिया को ‘सस्टेनेबल एग्रीकल्चर’ का संदेश है। म.प्र. में बड़ी संख्या में किसान प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कि कहा इस वर्ष भारत मोटा अनाज वर्ष मना रहा है। दुनिया में आज मोटे अनाज की मांग तेजी से बढ़ रही है। श्री चौहान ने कहा कि देश की खेती उत्तम है। देश में प्राकृतिक खेती के साथ ही खेती के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का उपयोग भी किया जा रहा है। स्वाईल हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश का शरबती गेहूं और चिन्नौर चावल दुनिया में धूम मचा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जी-20 के कृषि कार्य समूह की महत्वपूर्ण बैठक आज इंदौर में हो रही है, जिसमें 30 देशों की 12 अंतर्राष्ट्रीय कृषि संस्थाओं के 89 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इनका भारत की “अतिथि देवो भव” परंपरा के अनुरूप आत्मीय स्वागत तो किया ही जा रहा है, हेरिटेज वॉक भी किए जा रहे हैं, जिससे भारत की संस्कृति, सभ्यता, संस्कार, खान-पान आदि को सारा विश्व जाने। यह समूह कृषि क्षेत्र की समस्याओं पर महत्वपूर्ण चर्चाएँ करेगा और इसके निष्कर्ष देश और दुनिया के लिए लाभकारी होंगे।

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