राज्य कृषि समाचार (State News)

खेती से कैसे कमा रहे हैं किसान लाखों? जानिए मध्यप्रदेश के किसानों की कहानी

24 जनवरी 2025, भोपाल: खेती से कैसे कमा रहे हैं किसान लाखों? जानिए मध्यप्रदेश के किसानों की कहानी – मध्यप्रदेश में किसानों को खेती के उन्नत तरीकों से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। राज्य में आत्मा योजना के तहत किसानों को खेती की नई तकनीकों की जानकारी दी जा रही है, जिससे वे अपनी उपज बढ़ाने और मुनाफा कमाने में सफल हो रहे हैं।

वर्मी कम्पोस्ट से बढ़ी आमदनी

बैतूल जिले के किसान लोकेश गावंडे ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने उन्हें महाराष्ट्र के अकोला भेजकर वर्मी कम्पोस्ट बनाने और मार्केटिंग का प्रशिक्षण दिलाया। प्रशिक्षण के बाद उन्होंने अपने गांव और आसपास के इलाकों से गोबर व जैविक कचरा खरीदकर वर्मी कम्पोस्ट बनाना शुरू किया।

उन्होंने बताया, “एक ट्राली खाद बनाने में करीब 2000 रुपये लागत आती है, जिससे 10 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार होता है। इसे 700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचने पर 7000 रुपये मिलते हैं। इस तरह खाद से 3000 रुपये और केंचुआ बिक्री से 7000 रुपये की अतिरिक्त आमदनी हो रही है।”

सोलर पंप और जैविक खेती से बढ़ा उत्पादन

मंडला जिले के किसान उत्तम सिंह परस्ते ने कृषि विभाग द्वारा मिले प्रशिक्षण के बाद पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर कोदो और सब्जियों की खेती शुरू की। उन्होंने अपने खेत में सोलर पंप लगवाया, जिससे सिंचाई की समस्या हल हो गई और फसल उत्पादन बढ़ा।

“मैंने जैविक खेती को अपनाकर केंचुआ पालन भी शुरू किया है। इससे खेती की लागत कम हुई और मुनाफा बढ़ा है,” उत्तम सिंह ने बताया।

मध्यप्रदेश में किसानों को खेती में नए प्रयोग करने के लिए प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। राज्य से बाहर भी किसानों को भेजकर आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी दी जा रही है। इन प्रशिक्षणों से कुछ किसानों को खेती से अतिरिक्त आमदनी का रास्ता मिल रहा है, लेकिन यह लाभ कितने किसानों तक पहुंच रहा है, यह एक महत्वपूर्ण सवाल बना हुआ है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements