उद्यानिकी फसलें किसानों की आय को आसानी से दोगुना करने में सहायक
19 दिसंबर 2024, भोपाल: उद्यानिकी फसलें किसानों की आय को आसानी से दोगुना करने में सहायक – मध्यप्रदेश में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है, उद्यानिकी फसलें किसानों की आय को आसानी से दोगुना करने में सहायक होती हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। किसानों को उद्यानिकी फसलों की खेती और खाद्य प्र-संस्करण के नए तरीकों से अवगत कराया जा रहा है।
वर्तमान में मध्य प्रदेश उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में देश में अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। प्रदेश संतरा, धनिया मसाले तथा औषधीय एवं सुगंधित पौधे उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। इसके अतिरिक्त प्रदेश टमाटर, लहसुन, हरी मटर, अमरूद ,फूल गोभी, मिर्च एवं प्याज उत्पादन में दूसरे तथा नींबू वर्गीय फल, लाल मिर्च, बंद गोभी एवं फूल उत्पादन में तीसरे स्थान पर है ।
राज्य में उद्यानिकी का रकबा बढ़कर लगभग 27 लाख हेक्टेयर हो गया है। राज्य सरकार की नीतियों से प्रदेश में उद्यानिकी के प्रति किसानों का रुझान बढ़ा है। इस कारण रकबा 2019-20 में 21.75 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2023-24 में 26.51 लाख हेक्टेयर हो गया है। लगभग 23.72 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उत्पादन भी लगभग 27 फीसदी बढ़ा है। वर्ष 2019-20 में जो उत्पादन 317.36 लाख मी. टन था, जो बढ़कर अब 404.24 लाख मी. टन हो गया है।
किसानों को उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा फूड प्रोसेसिंग इकाईयाँ स्थापित करने के लिए अनुदान दिया जाता है। सरकार से अनुदान लेकर किसान फूड प्रोसेसिंग इकाईयाँ स्थापित कर सकते हैं। साथ ही अनुदान के आधार पर किसान छोटे, मध्यम और बड़े कोल्ड स्टोर भी स्थापित कर सकते हैं। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में मध्यप्रदेश अपने समृद्ध कृषि संसाधन और रणनीति भौगोलिक स्थिति का उपयोग कर, 8.3% की औसत /वार्षिक दर से बढ़ रहा है, जो देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है. उद्यानिकी उत्पादों के सुरक्षित भंडारण के लिए 21530.26 लाख रुपए की अनुदान सहायता से 183 कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कर 8.05 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता विकसित की गई है। वहीं प्याज भंडारण के लिए 23667.71 लाख रुपए का अनुदान देकर 66500 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता किसानों के खेतों पर निर्मित की गई है।
प्रदेश में बागवानी को शिखर पर ले जाने के प्रयासों में राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना (पी.एम.एफ.एम.सी.) पर ड्रॉप मोर क्रॉप (पी.पी.एम.सी), एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एम.आई.डी.एच.) एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आर.के.वी.वाय.) के तहत वर्ष 2024-25 में 528 करोड़ 91 लाख रुपए की कार्ययोजना मंजूर की गई है। राज्य में उद्यानिकी उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए 16 विभिन्न बागवानी उत्पादों को जीआई. टैग के लिए पंजीयन कराया गया है।
सूक्ष्म सिंचाई द्वारा राज्य में 14 हजार 900 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर लगाए गए हैं, जिसमें लगभग 12 हजार 790 हितग्राहियों को 114 करोड़ 76 लाख रुपए का अनुदान दिया गया है। इजराइल तकनीक के समन्वय से प्रदेश में मुरैना में उच्च गुणवत्ता वाली सब्जी के लिए, छिंदवाड़ा में नींबू वर्गीय फसलों के लिए तथा हरदा में निर्यात करने लायक आम एवं सब्जी सेन्टर की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए 14 करोड़ 74 लाख की योजना का अनुमोदन किया गया है।
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