गोवर्धन पूजा: धार्मिक आयोजन के साथ पर्यावरण और कृषि संरक्षण पर जोर, मुख्यमंत्री ने बताए गौ-संवर्धन के प्रयास
04 नवंबर 2024, भोपाल: गोवर्धन पूजा: धार्मिक आयोजन के साथ पर्यावरण और कृषि संरक्षण पर जोर, मुख्यमंत्री ने बताए गौ-संवर्धन के प्रयास – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गोवर्धन पूजा को न केवल धार्मिक आयोजन बल्कि पर्यावरण, कृषि, और पशुधन संरक्षण के प्रति समाज की जिम्मेदारी का पर्व बताया। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर ग्रामीण समाज में पशुओं के प्रति श्रद्धा और कृषि परंपराओं को जीवित रखने का संदेश जाता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष गोवर्धन पूजा को प्रदेशभर में सरकार की सहभागिता के साथ व्यापक स्तर पर मनाया गया है।
गौ-संवर्धन और रोजगार सृजन के लिए कदम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौ-संवर्धन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि प्रदेश में करीब 2500 गौ-शालाओं में 4 लाख से अधिक गौ-वंश का संरक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गौ-वंश के आहार के लिए प्रति गाय 20 रुपये की राशि को बढ़ाकर 40 रुपये कर दिया गया है। साथ ही, घायल गायों की मदद के लिए हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग वाहन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
इसके अलावा, दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच एक समझौता (एमओयू) किया गया है। ग्वालियर की आदर्श गौशाला में देश के पहले 100 टन क्षमता वाले सीएनजी प्लांट की स्थापना की जा रही है, जो जैविक उत्पादन और ऊर्जा संरक्षण में सहायक होगा।
गौ-संवर्धन और दुग्ध उत्पादन में प्रदेश का योगदान
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश देश में दुग्ध उत्पादन में तीसरे स्थान पर है, जो राष्ट्रीय दुग्ध उत्पादन का 9 से 10 प्रतिशत हिस्सा है। राज्य में प्रतिदिन 5.5 करोड़ लीटर से अधिक दूध का उत्पादन हो रहा है, और प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 644 ग्राम है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। अगले पांच वर्षों में प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे लाखों ग्रामीणों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इस अभियान में महिलाओं की भागीदारी भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण में योगदान
प्रदेश में जैविक खेती के विस्तार और गौ-संवर्धन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने विशेष पहल की है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश देश का सबसे बड़ा जैविक खेती क्षेत्र वाला राज्य है, जहां 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक उत्पादन हो रहा है। गौ-वंश के संरक्षण से जैविक उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
गौ-संवर्धन की प्रमुख पहल
- 2500 गौ-शालाओं में 4 लाख से अधिक गौ-वंश का संरक्षण
- प्रति गौ-वंश आहार राशि को 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये किया गया
- घायल गायों के लिए हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग वाहन की व्यवस्था
- ग्वालियर में सीएनजी प्लांट की स्थापना
- जैविक खेती में वृद्धि के लिए गौ-वंश को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौ-संवर्धन से रोजगार सृजन, पर्यावरण संतुलन, और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण होता है। उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजा का संदेश हमारे समाज को पर्यावरण और पशुधन के प्रति सम्मान और संरक्षण की भावना से जोड़ने का है, जो एक स्वस्थ और स्थिर समाज के निर्माण में सहायक है।
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