State News (राज्य कृषि समाचार)

मृदा पोषण से ही बढ़ेगा खाद्यान्न उत्पादन

Share

12 दिसम्बर 2022, इंदौर । मृदा पोषण से ही बढ़ेगा खाद्यान्न उत्पादन – भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर द्वारा विश्व मृदा दिवस के अवसर पर ‘सोयाबीन में मृदा पोषण-तब और अब’ विषय पर कृषक-वैज्ञानिक परिचर्चा सत्र का आयोजन संस्थान के ज़ूम और यूट्यूब चैनल के माध्यम से किया गया जिसमें  देश भर से 500 से अधिक  किसान शामिल हुए। मुख्य अतिथि के रूप में संस्थान के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ. ओ.पी. जोशी (मृदा वैज्ञानिक), डॉ. ए.एन. शर्मा (कीट विज्ञान) एवं डॉ. एस.डी. बिल्लोरे (सस्य विज्ञान) सहित सोलिडारीडाड के डॉ. सुरेश मोटवानी उपस्थित थे।

संस्थान के निदेशक डॉ. के.एच. सिंह द्वारा मृदा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने एवं आने वाली पीढिय़ों के लिए अच्छी उर्वरकता वाली मृदा विरासत में देकर जाए ऐसा लक्ष्य लेकर कार्य करने की सलाह दी गई। प्रख्यात मृदा वैज्ञानिक डॉ. ओ.पी. जोशी ने कहा कि ‘90 प्रतिशत भोजन हमे मृदा से प्राप्त होता है और गणना के अनुसार 2050 तक इसे बनाए रखने के लिए 60 प्रतिशत अधिक खाद्यान्न उत्पादन की आवश्यकता है, जो कि सिर्फ मृदा के पोषण प्रबंधन से ही संभव है’। उन्होंने मृदा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जैविक खाद का उपयोग करने की सलाह दी। डॉ. बिल्लोरे द्वारा संतुलित खाद का प्रयोग एवं समेकित पोषण प्रबंधन करने की सलाह दी साथ ही आर्गेनिक कार्बन को मृदा स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण घटक बताया। संस्थान के सेवानिवृत्त कीट वैज्ञानिक डॉ. ए.एन. शर्मा ने कहा कि सोयाबीन फसल के लिए सबसे घातक कीट जैसे तम्बाकू की इल्ली तथा गर्डल बीटल मुख्यत: मृदा में ही पनपते हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए एफआईआर पद्धति से पहले फफूंदनाशक, फिर कीटनाशक और अंत में रायजोबियम जीवाणु से प्रक्रिया कर उपचार करें। कृषक-वैज्ञानिक चर्चा सत्र का संचालन डॉ. सविता कोल्हे ने किया। कार्यक्रम का संचालन एवं अतिथि वक्ताओं का स्वागत डॉ. बी.यू. दुपारे ने किया। डॉ. आर.के. वर्मा ने आभार प्रकट  किया।

महत्वपूर्ण खबर: 6 जिलों में पान खेती को बढ़ावा देने सरकार दे रही अनुदान

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *