राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्य प्रदेश में पाए जाने वाले सर्प और सांप के काटने पर प्राथमिक उपचार

लेखक- डॉ. स. औदार्य (सहायक प्राध्यापक), डॉ. नी. श्रीवास्तव (सह प्राध्यापक) और डॉ. अं. निरंजन (सहायक प्राध्यापक), पशुचिकित्सा सूक्ष्म-जीव विज्ञान विभाग, पशुचिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय, नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, कुठुलिया, रीवा, मध्य प्रदेश

05 जुलाई 2024, भोपाल: मध्य प्रदेश में पाए जाने वाले सर्प और सांप के काटने पर प्राथमिक उपचार – सर्प दंश के कारण पूरी दुनिया में ८० हजार से लेकर १ लाख ३८ हजार तक लोग
मारे जाते है तथा इससे तीन गुना ज्यादा लोगों को अपने शारीरिक अंगों को खो देना पड़ता है या वह निष्क्रिय हो जाते है। भारत और मध्य प्रदेश में सबसे खतरनाक – विषैले चार सर्प पाये जाते है, भारतीय नाग (Indian Cobra: Spectacled), दबौया (Russell’s Viper), अफई (Saw Scaled Viper) और करैत (Common Krait)। भारत में पिछले २० वर्षों में (हर साल औसतन ५८ हजार) सर्प (सांप) के काटने से लगभग १२ लाख लोगों की मौत हुई है। नागराज (King Cobra) संसार का सबसे लम्बा विषधर सर्प है। इसकी लम्बाई ५.६ मीटर तक होती है। पर यह मध्य प्रदेश में नहीं पाया जाता ।

नागों की ही अन्य प्रजातियां जैसे की भारतीय नाग (एक और बहु चश्मी) मध्य प्रदेश में पायी जाती है। दबौया सांप का सिर चपटा त्रिकोणीय दीखता है। इन सापों में गहरे भूरे रंग के धब्बों की तीन श्रृंखलाएँ शरीर की लंबाई तक चलती है। अफई, यह सर्प भारत में हुए ज्यादातर सर्प दंशों को और इससे हुई मौतों के लिए जिम्मेदार है। ये सांप सबेरे, शाम, रात या दिन में भी सक्रीय रहते है। यह सांप रेत, चट्टान, नरम मिट्टी, झाड़ झंखाड़ और विभिन्न जगहों पर पाया जाता है। ये अक्सर ढीली चट्टानों के नीचे छिपे पाए जाते हैं। करैत सापों की एक प्रजाति है जो भारतीय उपमहाद्वीप के जंगलों में पायी जाती है। यह सांप आम तौर पर काले या नीले रंग का होता है। और इसके ऊपर सफ़ेद धारियां होती है। यह अत्यन्त विषैला सर्प है। यह सांप ज्यादातर रात में ही निकलते है। रात के समय जब आदमी सो रहे होते हैं, तो ये बिस्तर में घुसकर चुपके से काट लेते हैं। इनके दांत इतने पतले होते हैं इसलिए सोते समय हमे सांप के काटने का पता भी नही चलता । जब तक सांप के काटने का पता लग पाता है तब तक मृत्यु हो जाती है।

ऐसे सर्प जो विषैले नहीं है उनमे दोमुंहा (Red Sand Boa), नानेटी (Buff Striped Keelback), धामण (Indian Rat Snake), हरा बेलनुमा सांप (Green Vine Snake) और अजगर (Indian Rock Python) आदि मिलते है । भारत में वन्यप्राणी/जीवों के सरंक्षण हेतु वन्यप्राणी सरंक्षण अधिनियम १९७२ एवं पशु क्रूरता अधिनियम है। वन्यप्राणी सरंक्षण
अधिनियम १९७२ में अनुसूची एक और चार के अंतर्गत सर्पों को पकड़ना, अपने पास रखना एवं एक जगह से दूसरे जगह वहन करना अपराध है।

यहाँ साँप के काटने पर प्राथमिक उपचार के चरण दिए गए हैं:

  • शांत रहें: घबराने से हृदय गति बढ़ सकती है, जिससे जहर तेजी से फैल सकता है।
  • किसी भी कसने वाली वस्तु को हटा दें: तंग कपड़ों, गहनों या घड़ियों को ढीला कर दें या हटा दें जो प्रभावित क्षेत्र को कस सकते हैं।
  • प्रभावित अंग को हृदय के स्तर से नीचे रखें: यह रक्तप्रवाह के माध्यम से जहर के प्रवाह को कम करने में मदद कर सकता है।
  • जहर को चूसने का प्रयास न करें: यह विधि अप्रभावी है और अधिक नुकसान पहुंचा सकती है।
  • रक्त के प्रवाह को रोकने (टूर्निकेट) या संकुचन पट्टी (कंस्ट्रिक्टिंग बैंड) न लगाएं: इससे भी स्थिति खराब हो सकती है।
  • बर्फ या गर्मी का प्रयोग न करें: अत्यधिक तापमान भी स्थिति को खराब कर सकता है।
  • घाव को साफ रखें: काटने वाले स्थान को साबुन और पानी से साफ करें।
  • महत्वपूर्ण संकेतों पर नज़र रखें: व्यक्ति के तापमान, नाड़ी और सांस लेने की दर पर नज़र रखें।
  • तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें: यदि संभव हो, तो आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए संपर्क करें या व्यक्ति को अस्पताल ले जाएं।

महत्वपूर्ण: यदि आप सचल दुरभाष यंत्र (सेल फोन) वाले क्षेत्र में हैं, तो सांप की तस्वीर लें (यदि संभव हो) और पहचान के लिए इसे चिकित्सा पेशेवरों को दिखाएं। याद रखें, साँप के काटने के मामलों में शीघ्र चिकित्सा सहायता महत्वपूर्ण है। यदि आप किसी सुदूर इलाके में हैं, तो जितनी जल्दी हो सके आपातकालीन सहायता के लिए संपर्क (कॉल) करें। कृपया ध्यान दें कि ये चरण सामान्य दिशानिर्देश हैं और विशिष्ट प्रकार के सांप और व्यक्ति की स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। उचित उपचार के लिए हमेशा चिकित्सकीय पेशेवरों से परामर्श लें।

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