राज्य कृषि समाचार (State News)

खेती-किसानी से अब मिला आगे बढ़ने का रास्ता

ग्रामीणों ने राज्य में कृषक हितैषी नीतियों की सराहना की

8 सितम्बर 2022, रायपुर  खेती-किसानी से अब मिला आगे बढ़ने का रास्ता – खेती-किसानी अब राज्य में सरकार द्वारा चलाए जा रहे अनेक कृषक हितैषी कार्यक्रमों से बहुत ही लाभकारी धंधा हो गया है। यह कहना है ग्राम लोइंग निवासी कृषक श्री विनोद गुप्ता का।

प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान रायगढ़ ब्लॉक अंतर्गत ग्राम लोइंग पहुंचे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को कृषक श्री गुप्ता ने बातचीत करते हुए खुशी-खुशी यह जानकारी दी। इस दरम्यान क्षेत्र के अन्य कृषकों और ग्रामीणों ने भी राज्य में कृषक हितैषी नीतियों की सराहना की। कृषक श्री गुप्ता ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा किसानों को दी जा रही सुविधाओं के परिणाम स्वरूप हमें आगे बढऩे का भरपूर अवसर मिलने लगा है। मैं स्वयं कृषक परिवार से हूं, जो शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त होने के पश्चात राज्य में किसानों को दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाते हुए खेती-किसानी से पुन: जुड़ गया। इससे मेरे खाली समय का खेती-किसानी में बढिय़ा उपयोग हो रहा है और खूब आमदनी भी होने लगी है। साथ ही इसे देखकर आस-पड़ोस सहित क्षेत्र के युवा बेरोजगार लोग आकर्षित होने लगे हैं और खेती-किसानी से जुडक़र अधिक से अधिक लाभ उठाने आगे आ रहे हैं।

श्री बघेल से भेंट-मुलाकात के दौरान कृषक श्री गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना’ के फलस्वरूप वर्तमान में मैं हर रोज गौठान में एक क्विंटल गोबर की बिक्री कर रहा हूं। जिसका प्रत्येक दिन 200 रूपए होता है। इससे मुझे खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन को भी बढ़ावा मिला है। इसमें शासन की योजनाओं का लाभ उठाते हुए गौपालन का कार्य भी सुगमता से हो रहा है और दूध की बिक्री से प्रत्येक दिन 600 रूपए की राशि मिल जाती है। इसी तरह राजीव गांधी किसान न्याय योजना का भरपूर लाभ मिल रहा है। इसमें राज्य सरकार द्वारा आदान सहायता के रूप में दी जा रही राशि का अतिरिक्त लाभ भी मिलने लगा है।  श्री गुप्ता ने बताया कि मेरे पास स्वयं के 10 एकड़ खेत जमीन उपलब्ध है। इसमें से 6 एकड़ में मेरे द्वारा धान की फसल ली जाती है और शेष 4 एकड़ टिकरा खेत में उद्यानिकी विभाग के सहयोग से बागवानी की गई है। इसमें भी बागवानी फसल के लाभ के साथ-साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ 9000 रूपए के आदान सहायता की राशि का अतिरिक्त लाभ मिल  रहा है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में बागवानी फसल के अंतर्गत एक-एक एकड़ में आम, केला, एप्पल बेर और ऑयल पाम के पौधे लगाए गए हैं। इससे केला की खेती से सालाना 70 से 80 हजार रूपए की आमदनी हो रही है।

इसी तरह आम से सालाना 50 हजार रूपए और एप्पल बेर से लगभग 40 से 50 हजार रूपए की आमदनी होने लगी है। उन्होंने बताया कि ऑयल पाम की खेती से आने वाले वर्ष में सालाना लगभग एक लाख रूपए की आमदनी होने की संभावना है। इस तरह राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में किसानों के हित में चलाए जा रहे कार्यक्रमों से खेती-किसानी बहुत ही लाभकारी धंधा हो गया है और इससे हम कृषक वर्ग को आगे बढऩे के लिए भरपूर अवसर मिलने लगा है।

महत्वपूर्ण खबर:गेहूँ की नयी किस्म वी.एल. 2041, बिस्कुट बनाने के लिए अत्यधिक उपयुक्त

Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *