राज्य कृषि समाचार (State News)

त्यौहारों में मंडियों के लम्बे अवकाश से कृषक होंगे परेशान

भावांतर योजना की देरी से बढ़ी किसानों की चिंता

17 अक्टूबर 2025, इंदौर: त्यौहारों में मंडियों के लम्बे अवकाश से कृषक होंगे परेशान – राज्य की अधिकांश कृषि उपज मंडियों में दीपावली पर्व के अवसर पर 18 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक लंबा अवकाश घोषित किया गया है। इस दौरान मंडियों में नीलामी एवं उपज खरीदी पूर्णतः बंद रहेगी। मंडी पुनः 24 अक्टूबर से खुलेगी। इस निर्णय से किसानों में असंतोष का माहौल है, क्योंकि  त्यौहार  के समय नकदी की आवश्यकता सर्वाधिक होती है, वहीं लंबी छुट्टियों के कारण उपज बिक नहीं पाएगी।

त्यौहारों  में कड़की की आशंका –  सितंबर मध्य से प्रदेश की मंडियों में फसल की आवक तेज़ हो चुकी है। किसान अपनी उपज बेचकर  त्यौहारी  खर्च और ऋण अदायगी की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन अब मंडी बंद रहने से पैसों की तंगी (कड़क़ी) का सामना करना पड़ेगा।
छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह स्थिति और भी कठिन है, क्योंकि उन्हें भंडारण की सुविधा नहीं होती। कई किसान अपनी उपज खुले में या गांव के छोटे गोदामों में रखने को मजबूर हैं।

Advertisement
Advertisement

भावांतर योजना में भी देरी  – मध्य प्रदेश सरकार की भावांतर भुगतान योजना का क्रियान्वयन भी इस वर्ष देरी से शुरू हुआ है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में विलंब और तकनीकी कारणों से कई किसानों के आवेदन लंबित हैं।नीलामी कार्य बंद रहने से भावांतर योजना के तहत मूल्य अंतर का भुगतान भी देर से होगा, जिससे किसानों की आर्थिक परेशानियां और बढ़ेंगी।

मंडियों में हो आंशिक नीलामी व्यवस्था – किसानों का कहना है कि मंडियों में आंशिक नीलामी व्यवस्था रखी जाए, ताकि कम से कम तत्काल बिक्री की जरूरत वाले किसानों को राहत मिले। भावांतर योजना के भुगतान जल्द शुरू किए  जाएं । मंडी समितियां छुट्टी से पहले पर्याप्त सूचना दें ,ताकि किसान अपनी उपज का सही नियोजन कर सकें।

Advertisement8
Advertisement

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश की मंडियों को  त्यौहारों  के बीच पूरी तरह बंद रखने की बजाय आंशिक संचालन व्यवस्था अपनानी चाहिए। इससे व्यापारी और किसान दोनों को राहत मिलेगी, और बाजार में मूल्य स्थिरता बनी रहेगी। लंबे अवकाश, भावांतर योजना की धीमी प्रगति और  त्यौहार  के समय नकदी की कमी  तीनों परिस्थितियाँ मिलकर किसानों के लिए गंभीर चुनौती बन सकती हैं। सरकार को चाहिए कि किसानों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए लचीली व्यवस्था सुनिश्चित करें ।

Advertisement8
Advertisement

आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture

Advertisements
Advertisement5
Advertisement