जीरे की उन्नत खेती के लिए किसानों को मिला विशेष प्रशिक्षण, जानें फसल प्रबंधन के नए तरीके
23 नवंबर 2024, भोपाल: जीरे की उन्नत खेती के लिए किसानों को मिला विशेष प्रशिक्षण, जानें फसल प्रबंधन के नए तरीके – कृषि विज्ञान केन्द्र पोकरण पर जीरा उत्पादन की उन्नत कृषण क्रियाए विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ दशरथ प्रसाद ने बताया की जीरे का क्षेत्रफल जैसलमेर जिले में लगातार बढ़ रहा है एवं जीरे के मसाला वाली फसलो में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होते हुए इसकी मार्केट कीमत में इजाफा होने से किसानो द्वारा रूची दिखाई जा रही है।
केन्द्र के सस्य वैज्ञानिक डॉ कृष्ण गोपाल व्यास नेजीरे में लगने प्रमुख रोग जैसे झुलसा, उकटा, जड़ गलन, छाछिया पर विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए रोग एवं कीट प्रबंधन करके किसान अपनी फसल लागत को कम करने की बात कही। इन्होने बताया कि जीरे की जी सी 4 शुष्क क्षेत्र के लिए एक उन्नत किस्म है। प्रसार वैज्ञानिक सुनील शर्मा ने पोषक तत्व एवं सिंचाई प्रबंधन के बारे में किसानों के साथ चर्चा की। इन्होने बताया कि जीरा उत्पादक किसानों द्वारा कृषक उत्पादक संगठन का गठन कर तथा ग्रेडिंग पैकेजिंग द्वारा अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।
केन्द्र पशुपालन वैज्ञानिक डॉ राम निवास ने देशी खाद, वर्मी कम्पोस्ट, फसल अवशेष, गहरी जुताई, फसल चक्र का महत्व आदि पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी । कार्यक्रम के अंत मे किसानों के साथ समूह चर्चा करके किसानो की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में जीरा उत्पादक किसान मेहताब सिंह, खुशाल सिंह, मोहन लाल, राजेन्द्र सिंह व अन्य कुल 30 किसानों एवं महिला कृषको ने भाग लिया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने सभी प्रतिभागियों एवं अतिथियों का आभार ज्ञापित किया।
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