राज्य कृषि समाचार (State News)

6 साल बाद भी किसानों को फसल बीमा मुआवजे का इंतज़ार

मुआवजे का मरहम लगाने में कोताही क्यों ?

18 दिसम्बर 2023, पांढुर्ना(उमेश खोड़े, पांढुर्ना): 6 साल बाद भी किसानों को फसल बीमा मुआवजे का इंतज़ार – शीर्षक देखकर चौंकिए मत। सच्चाई की यह बानगी वैसे तो छिंदवाड़ा जिले की है, लेकिन ऐसे ही मामले अन्य जिलों भी निकल सकते हैं। फसल बीमा के तहत प्राकृतिक आपदा आने पर किसानों को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से मुआवजे का मरहम लगाने के दावे तो बहुत किए जाते हैं , लेकिन हकीकत में इसे बाद में न तो कृषि विभाग ,न संबंधित बीमा कम्पनी और न ही बैंक देखता है कि किसानों तक मुआवजे की राशि पहुंची कि नहीं।  छिंदवाड़ा जिले में वर्ष 2017 के रबी फसल के बीमित किसानों को 6 साल बाद भी अब तक मुआवजा नहीं मिला है। संबंधित फसल बीमा कम्पनी, बैंक और कृषि विभाग के बीच समन्वय का अभाव, उदासीनता और टालमटोल रवैये से ऐसे हालात निर्मित हुए हैं ,जिसका खामियाजा निर्दोष किसानों को भुगतना पड़ रहा  है। फसल बीमा का ज़मीनी स्तर पर लाभ नहीं मिलने से किसानों की फसल बीमा के प्रति रूचि घटती जा रही है, लेकिन ऋणी किसानों को फसल बीमा कराना अनिवार्य  होने से किसान फसल बीमा कराते हैं।

सरल बीमा ,जटिल भुगतान – उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आपदा के कवच के रूप में प्रति वर्ष खरीफ और रबी फसलों के लिए ऋणी किसानों का संबंधित सहकारी समितियों /बैंकों द्वारा फसल बीमा तो सरलता  से किया जाता है , लेकिन प्राकृतिक प्रकोप से फसलों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति  राशि किसानों को देने के लिए कठोर मापदंड वाली जटिल प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिससे किसानों को वांछित मुआवजा नहीं मिल पाता है।लापरवाही के कारण स्वीकृत बीमा राशि बैंकों में सालों तक पड़ी रहने के बावजूद किसानों के खातों में नहीं पहुँच पाती है। लेकिन इसे देखने की ज़हमत कोई नहीं उठाता है और किसान निरुपाय हो जाता है।

Advertisement
Advertisement

सूची के अभाव में अटका भुगतान – छिंदवाड़ा जिले में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ने 2017  की दावा राशि  पाने वाले हितग्राही किसानों की सूची जिला सहकारी बैंक को नहीं भेजी, इसलिए किसानों को भुगतान नहीं हो पाया। लेकिन बाद में न तो बीमा कम्पनी ने सुध ली और न ही बैंक ने कोई कदम उठाया।  इसे देखकर यदि मध्यप्रदेश  के अन्य जिलों को भी खंगाला जाए ,तो सालों से सैकड़ों किसानों की फसल बीमा की करोड़ों की राशि बैंकों में पड़ी होने से इंकार नहीं किया जा सकता है । कृषक जगत द्वारा यह मामला उठाए जाने पर बीमा कम्पनी द्वारा अब पहल की जा रही है। वैसे यह इस जिले का कोई पहला मामला नहीं है।  2018 की रबी फसल  की क्षतिपूर्ति राशि भी पांढुर्ना के एक जागरूक किसान की सक्रियता से पूरे जिले के किसानों को मिली थी । स्मरण रहे इस मामले को कृषक जगत ने अपने 2 अक्टूबर 2023  के अंक में ‘ 5 साल बाद भी किसानों को नहीं मिली फसल बीमा राशि ‘ शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

इस संबंध में श्री अभय कुमार जैन, महाप्रबंधक, जिला सहकारी बैंक, छिंदवाड़ा ने कृषक जगत को बताया कि  एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी , छिंदवाड़ा को यूटीआर नंबर सहित अन्य जानकारी भेजी है , लेकिन अभी तक उनकी ओर से  दावा राशि  पाने वाले किसानों की सूची नहीं भेजी गई है, इसलिए किसानों को भुगतान नहीं हो पाया है , जबकि बैंक में राशि जमा है। जैसे ही किसानों की सूची मिलेगी, वैसे ही किसानों के खाते में राशि जमा करा दी जाएगी।

Advertisement8
Advertisement

श्री संजय पठाड़े , जिला प्रबंधक, एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी , छिंदवाड़ा ने कृषक जगत को बताया कि  जिला सहकारी बैंक, छिंदवाड़ा से सूची मांगने की जानकारी मिली है। इस बारे में वरिष्ठ कार्यालय को यूटीआर सहित पूरी जानकारी का मेल कर दिया है। वहां से पूरी जानकारी मिलते ही बैंक को भेज दी जाएगी।

Advertisement8
Advertisement

इस मामले ने प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी फसल बीमा योजना के प्रति कृषि विभाग, संबंधित बीमा कम्पनी और सहकारी बैंक की लापरवाही को तो उजागर किया ही है, पलीता लगाने का भी प्रयास किया है।  दावा  राशि  वितरण जैसे अहम मुद्दे पर वर्षों तक असंवेदनशीलता का प्रदर्शन अक्षम्य है। ऐसे में  कुछ  सवाल लाज़िमी  हैं  कि किसानों को जो मुआवजा राशि अब तक नहीं मिली है , क्या उसे बीमा कम्पनी और बैंक द्वारा ब्याज सहित किसानों को लौटाया जाएगा ? और दूसरा यह कि क्या इसके लिए ज़िम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ किसान हितैषी सरकार कार्रवाई करेगी ?

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम)

Advertisements
Advertisement5
Advertisement