राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्य प्रदेश में किसानों को सोलर पंप पर मिलेगी 90% सरकारी सहायता

123 गाँवों तक पहुँचेगा नर्मदा जलकिसानों को मिलेगा फायदा

25 जनवरी 2025, भोपाल: मध्य प्रदेश में किसानों को सोलर पंप पर मिलेगी 90% सरकारी सहायता – मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महेश्वर-जानापाव उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना का नाम बदलकर लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के नाम पर रखने की घोषणा की है। इस परियोजना का शिलान्यास शुक्रवार को खरगौन जिले के मण्डलेश्वर में किया गया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 982.59 करोड़ रुपये की इस परियोजना सहित कुल 1042.24 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

123 गाँवों को मिलेगा सिंचाई का लाभ

इस परियोजना के माध्यम से इंदौर, धार और खरगौन जिलों के 123 गाँवों में नर्मदा का जल पहुँचेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना से महेश्वर, धार जिले की पीथमपुर और इंदौर जिले की महू तहसील के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।

किसानों को सौर ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने की पहल

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के 2 लाख अस्थायी पंपधारक किसानों को सौर ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने की योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को 3 से 7.5 हॉर्स पावर के सोलर पंप खरीदने में सहायता प्रदान करेगी। किसानों को केवल 10% राशि का भुगतान करना होगा, शेष राशि सरकार वहन करेगी। इससे किसानों को अस्थायी पंप कनेक्शन से मुक्ति मिलेगी और वे सौर ऊर्जा का उपयोग कर अपनी जरूरत की बिजली उत्पन्न कर सकेंगे।

धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी का निर्णय

प्रदेश के धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए सरकार ने 19 स्थानों पर शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया है। इनमें उज्जैन, दतिया, पन्ना, मण्डला, महेश्वर, मंदसौर, मैहर, ओंकारेश्वर, चित्रकूट और अमरकंटक सहित अन्य स्थान शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से धार्मिक स्थलों का महत्व बढ़ेगा और पारिवारिक व सामाजिक सामंजस्य में सुधार होगा।

देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर मण्डलेश्वर में आयोजित इस कार्यक्रम को सरकार ने उनके प्रति श्रद्धांजलि और उनके आदर्शों पर चलने का प्रयास बताया।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements