कपास की गुलाबी इल्ली के नियंत्रण हेतु कृषक कार्यशाला आयोजित
02 अगस्त 2025, (दिलीप दसौंधी, मंडलेश्वर): कपास की गुलाबी इल्ली के नियंत्रण हेतु कृषक कार्यशाला आयोजित – तीन प्रमुख संस्थाओं एल डी सी (Louis Dreyfus Company ) , बायो रे एसोसिएशन और रेमाई इंडिया लि के संयुक्त तत्वावधान में जागृति कार्यक्रम के तहत प्रदेश के खरगोन एवं बड़वानी जिले के कपास उत्पादक किसानों के लिए चार स्थानों पर कपास की मुख्य समस्या गुलाबी इल्ली के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु कृषक कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें श्री बी एस सेंगर ,वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी , (कसरावद)श्री नरगावे (ठीकरी),श्री रामलाल , श्री तूफान सिंह (महेश्वर ब्लॉक) , एल डी सी की ओर से श्री मयूर एवं श्री तुकाराम ,बायो रे एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री माधव पाटीदार, सीओओ श्री आशीष जोशी, श्री राम विश्वकर्मा, योगेन्द्र श्रीवास, श्री ईश्वर ,श्री भूपेंद्र,श्री धर्मेंद्र और रेमाई इंडिया के श्री लोकेंद्र मंडलोई, श्री वीरेन राठौर, श्री अशोक सिंह, श्री सीताराम ठाकुर,श्री राजेश, श्री गोपाल करीब 725 से ज्यादा किसानों ने भाग लिया।
उपरोक्त कार्यक्रम में गुलाबी इल्ली की रोकथाम के लिए खेतों में फेरोमोन प्रपंच कैसे लगाएं , कैसे रखें और गुलाबी इल्ली को खेत में आने से कैसे रोकें इस बारे मे श्री पूनम चंद विश्नोई ने कृषकों को विस्तार से समझाया। इस मौके पर ग्राम भीलगांव के किसान श्री जितेंद्र मंडलोई ने इसे बहुत अच्छी पहल बताते हुए वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी श्री सेंगर से शासन स्तर पर भी किसानों को गुलाबी इल्ली से बचाव के लिए किट वितरित करने का अनुरोध किया गया । कार्यक्रम में 725 किसानों को फेरोमेन ट्रैप किट वितरित किए गए । कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तीनों संस्थाओं ने किसानों और कृषि विभाग के अधिकारियों का आभार माना।
उल्लेखनीय है कि एलडीसी एक अंतरराष्ट्रीय कृषि व्यापार और प्रोसेसिंग कंपनी है, जो पिछले 171 वर्षों से दुनियाभर में अग्रणी भूमिका निभा रही है। भारत में एलडीसी की शुरुआत 1997 में हुई, और तब से लेकर आज तक यह कंपनी कई महत्वपूर्ण कृषि उपजों में व्यापार और प्रक्रिया का कार्य कर रही है, जैसे कि:कपास, गेहूं , मक्का, बाजरा, जौ, चना, तुअर, मूंग, सोयाबीन, सरसों और खाद्य तेल। इसके साथ-साथ कंपनी कुशलनगर (कर्नाटक) में कॉफी प्रोसेसिंग यूनिट और कांडला (गुजरात) में रिफाइनरी के ज़रिए खाद्य तेल का प्रसंस्करण कर रही है और 21 राज्यों में सक्रिय है । एलडीसी केवल व्यापार तक सीमित नहीं है ,बल्कि जहां काम करते हैं, वहां की स्थानीय परिस्थितियों, कृषकों की समस्याओं और पर्यावरणीय स्थिरता को ध्यान में रखते हुए समाज के लिए कार्य भी करते हैं।
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