सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना में मिलेंगे निवेश के व्यापक अवसर
लेखक: क्रांतिदीप अलूने
12 जून 2025, भोपाल: सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना में मिलेंगे निवेश के व्यापक अवसर – मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में राज्य सरकार सौर ऊर्जीकरण कार्यक्रम के तहत वर्ष 2030 तक केंद्र सरकार के 500 गीगावॉट के लक्ष्य को हासिल करने में अपना योगदान देने के लिये निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश में निरंतर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये एक के बाद एक संयंत्र लगाये जा रहे हैं। इनसे प्रदेश की ऊर्जा उत्पादन क्षमता में सौर ऊर्जा की भागीदारी निरंतर बढ़ती जा रही है।
कृषकों की ऊर्जा आवश्यकताओं, मुख्य रूप से सिंचाई जरूरतों के लिए, उनके निकट सौर ऊर्जा का उत्पादन कर, आय के अवसर उपलब्ध करवाते हुए, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम : PM-KUSUM) योजना लागू की गयी है। पीएम-कुसुम योजना के घटक कुसुम-सी में ग्रिड संबंद्ध सिंचाई पम्पों को ऊर्जीकृत करने के लिये कृषि फ़ीडर का सोलराइजेशन किया जाना है। योजना में सोलर संयंत्र लगाने के लिये रु. 1.05 करोड़ प्रति मेगावाट केन्द्रीय सहायता राशि का प्रावधान है। सौर ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण पक्ष इसका उपयोग स्थान (बिंदु) पर ही उत्पादन करना भी है। सौर ऊर्जा के व्यापक उपयोग के लिये इन परियोजनाओं को विकेंद्रीकृत रूप से स्थापित किया जा सकता है।
म. प्र. सरकार ने किसानों के लिए कई पहल की हैं:
- 8000 कृषि फीडर: किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली सप्लाई – 8000 फीडर लगाये गए हैं।
- सौर ऊर्जा परियोजना: 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्रों पर सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगाई जा रही हैं।
- कृषि फीडर सोलराइजेशन: पीएम-कुसुम योजना के तहत कृषि फीडर सोलराइजेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना: इस योजना से कृषि फीडर सोलराइजेशन का विस्तार हो रहा है, जिससे किसानों को सस्ती और विश्वसनीय बिजली मिल सके।
योजना के प्रमुख उद्देश्य
‘’सूर्य-मित्र कृषि फीडर” योजना के प्रमुख उद्देश्य: 1.म.प्र. पॉवर मैनेज़मेंट कंपनी लिमिटेड को कम दर पर विद्युत उपलब्ध कराना , 2.सीधे खपत स्थल पर ऊर्जा प्रदाय कर पारेषण हानि को कम करना, 3. किसान को सिंचाई के लिये दिन में बिजली उपलब्ध कराना 4. 33/11 KW विद्युत वितरण उप केन्द्रों पर लगे पॉवर ट्राँसफार्मर पर ओवर-लोडिंग से लो-वोल्टेज एवं पॉवर कट की समस्या को कम करना भी है। 5. इन परियोजनाओं की स्थापना से विद्युत उपकेन्द्रों के उन्नयन पर आने वाले वित्तीय भार से बचा जा सकेगा। 6.साथ ही बिना किसी निवेश के ग्रिड स्टेबिलिटी प्रबंधन किया जा सकेगा।
‘’सूर्य-मित्र कृषि फीडर” योजना में 100 प्रतिशत क्षमता तक विद्युत् सब-स्टेशन की सौर परियोजनाओं की स्थापना की जा सकेगी। इन परियोजनाओं के विकासकों के चयन के लिये म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा निविदा जारी की गयी है। इसमें शासन के साथ 25 वर्षों तक विद्युत क्रय अनुबंध किया जाएगा। निविदा में 1900 से अधिक सब-स्टेशन पर 14 हजार 500 मेगावाट क्षमता परियोजनाओं के चयन के लिये अवसर उपलब्ध हैं।
वित्तीय सहायता
परियोजनाओं की स्थापना में पीएम कुसुम योजना के तहत अनुदान प्राप्त करने का विकल्प उपलब्ध होगा। परियोजनाओं को एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड से 7 वर्षों तक 3 प्रतिशत्त ब्याज में छूट का प्रावधान भी किया गया है। वोकल फॉर लोकल के अंतर्गत स्थानीय उद्यमियों के लिए निवेश एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
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