राज्य कृषि समाचार (State News)

गन्ने की फसल के अधिक उत्पादन के लिए ड्रिप फर्टिगेशन आवश्यक – श्री कोबल्लोल

जैन हिल्स कृषि महोत्सव में मॉरीशस के किसानों का दौरा

12 दिसम्बर 2023, जलगांव: गन्ने की फसल के अधिक उत्पादन के लिए ड्रिप फर्टिगेशन आवश्यक – श्री कोबल्लोल – गन्ने का अधिक उत्पादन एवं आर्थिक लाभ पाने के लिए किसानों को ड्रिप सिंचाई तकनीक का प्रयोग करना चाहिए। ड्रिप सिंचाई के माध्यम से गन्ने की फसल में पानी और पानी में घुलनशील उर्वरकों के प्रयोग से न केवल उपज बढ़ती है, बल्कि चीनी की पैदावार भी बढ़ती है। ड्रिप फर्टिगेशन से पानी और लागत की बचत होती है और उत्पादन दोगुना हो जाता है ,क्योंकि ड्रिप सिंचाई से गन्ने की जड़ों के करीब पानी और उर्वरक पहुंचता है जिसके परिणामस्वरूप बेहतर विकास होता है।

उक्त विचार प्रगतिशील किसान और पोर्ट लुइस, मॉरीशस में जैन इरिगेशन के वितरक श्री विकास कोबल्लोल ने जैन हिल्स स्थित कृषि अनुसंधान एवं विकास प्रदर्शन केंद्र में चल रहे कृषि महोत्सव के क्षेत्र दौरे के अवसर पर प्रकट किए। श्री कोबल्लोल ने कहा कि मॉरीशस में गन्ने की खेती की जाती है। मॉरीशस में, सिंचित प्रणाली के तहत गन्ने की पैदावार 25 – 30 टन प्रति एकड़, सेंट्रल पिवट फ्रॉस्ट के तहत 45 – 50 टन प्रति एकड़ और ड्रिप सिंचाई के तहत 60 – 65 टन प्रति एकड़ होती है।वहां गन्ने की खेती के साथ-साथ कपास धान की रोपाई स्टीम ड्रिप सिंचाई, फर्टिगेशन और मल्चिंग फिल्म का उपयोग करके की जाती है। उन्होंने कहा कि जैन हिल्स एग्रीकल्चरल फेस्टिवल में गन्ने की खेती का अध्ययन कर किसानों को उस तरीके से आगे बढ़ने में सक्षम होना चाहिए। आपने किसानों से गन्ने सहित हर फसल में ड्रिप सिंचाई तकनीक का उपयोग करने और कृषि महोत्सव से ज्ञान प्राप्त करने की अपील की।उनके साथ जैन इरीगेशन के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डाॅ. बी डी जेडे, श्री सतीश जोशी उपस्थित थे।

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उल्लेखनीय है कि हाई-टेक कृषि में एक नया उद्यम, जैन हिल्स ने ड्रिप और फर्टिगेशन तकनीकों का उपयोग करके ड्रिप-श्रृंखला गन्ने के बागान लगाए हैं, तापमान वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए रेनपोर्ट स्प्रिंकलर सिस्टम स्थापित किए गए हैं। श्री कोबल्लोल द्वारा कृषि अनुसंधान एवं विकास प्रदर्शन केंद्र में चल रहे कृषि महोत्सव में गन्ने की खेती के साथ-साथ कपास धान की रोपाई स्टीम ड्रिप सिंचाई, फर्टिगेशन और मल्चिंग फिल्म का उपयोग ,कपास किसानों को प्रौद्योगिकी, शेडनेट, पॉलीहाउस, ग्रीन हाउस जैसे केले, संतरे के बगीचे,नियंत्रित वातावरण में कपास की फसल की अधिक उपज ,केला, आम, जैन मीठा संतरा, संतरा, पपीता, हल्दी, अदरक सहित भविष्य की खेती, एरोपोनिक, हाइड्रोपोनिक खेती को भी देखा गया।

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