निमाड़ क्षेत्र में स्व चालित मशीन से कपास बुवाई का प्रत्यक्ष प्रदर्शन
- दिलीप दसौंधी, मंडलेश्वर
17 मई 2022, निमाड़ क्षेत्र में स्व चालित मशीन से कपास बुवाई का प्रत्यक्ष प्रदर्शन – निमाड़ क्षेत्र के किसान खरीफ की तैयारियों में लग गए हैं। कहीं -कहीं ग्रीष्मकालीन कपास की बुवाई भी शुरू हो गई है। इसके लिए स्वचालित मशीन से कपास बुवाई का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया जा रहा है। इस बारे में मशीन के डीलर श्री दिलीप पटेल , कसरावद ने बताया कि तीर्थ एग्रो टेक्नालॉजी ,राजकोट की इस मशीन से कपास, सोयाबीन, डॉलर चना आदि की बुवाई की जा सकती है। इसमें बिजाई व्यवस्थित तरीके से निर्धारित जगह पर होती है। कोई जगह छूटती नहीं है। इस कारण डबलिंग की समस्या नहीं आती है।
श्री पटेल ने बताया कि अभी कम्पनी का निमाड़ क्षेत्र में अलग-अलग गांवों में कपास बुवाई का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया जा रहा है। इसका खर्च करीब 1500 रु /एकड़ है , जिसे संबंधित किसान को वहन करना होता है। कम्पनी का लक्ष्य 500 -1000 एकड़ में बुवाई करने का है। श्री पटेल ने कहा कि भारतीय पद्धति से एक एकड़ में कपास के प्रायः 5 से 6 हज़ार पौधे लगते हैं ,जिसमें मात्र 30 % झेंडे ही वास्तविक फसल देते हैं , बाकी के इल्ली और अन्य कीटों में नष्ट हो जाते हैं अर्थात 1800 पौधों से 3 ग्राम कपास की औसत से 5 क्विंटल से थोड़ा ज़्यादा उत्पादन ही मिल पाता है , जबकि इस विदेशी आधुनिक तकनीक वाली मशीन से 25 से 30 हज़ार पौधे लगते हैं, जो उत्पादन में अच्छी वृद्धि करते हैं।
श्री पटेल ने यह जानकारी भी दी कि कपास फसल के पकने पर कम्पनी द्वारा कपास चुनने की स्वचालित मशीन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी , जिससे कपास चुनना और आसान हो जाएगा। उन दिनों कपास चुनने के लिए किसानों को मजदूर नहीं मिलने की शिकायत रहती है , उसका भी समाधान हो जाएगा। इससे लागत और समय दोनों की बचत होगी। कम्पनी द्वारा किसानों के लिए स्प्रेयर मशीन की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है।