फसल विविधीकरण एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा: कलेक्टर श्रीमती पटले
28 नवम्बर 2022, छिंदवाड़ा । फसल विविधीकरण एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा: कलेक्टर श्रीमती पटले – सतपुड़ा पठार में स्थित प्रदेश का भौगोलिक एवं उद्यानिकी फसलों के रकबे में सबसे बड़ा जिला छिंदवाड़ा है। यहां लगभग 5 लाख हेक्टर खेती के रकबे से 3 लाख हेक्टेयर में फसल एवं बाकी क्षेत्र में उद्यानिकी फसलें बोई जाती हैं। जिले की नवागत कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले ने कृषि विभाग की कार्य प्रणाली को समझते हुए फसल विविधीकरण एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात कही। दोनों योजनाओं के अलावा समन्वित खेती के लिए कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य पालन, पशुपालन विभाग से कार्ययोजना तैयार की जायेगी। जिले के उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह ने नवागत कलेक्टर का स्वागत करते हुए। जिले में कृषि विभाग द्वारा किए जा रहे हैं। कार्यों की जानकारी में बताया कि जिला मक्का उत्पादन के साथ कपास, कोदो, कुटकी उत्पादन में भी विशिष्ट पहचान रखता है। यहां के कृषक अंतरवर्तीय फसल के रूप में संतरा,आलू, स्वीट कार्न, चिरोंजी, सब्जी उत्पादन में भी अग्रणी भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा बढ़ते सरसों के रकबे हेतु कृषकों को सरसों बीज की व्यवस्था करवाई गई है।
भविष्य में जिला तिलहनी फसलों के उत्पादन में पहचान बनायेगा। दो-तीन वर्ष पूर्व जिले में सरसों चुनिंदा क्षेत्र में लगभग ढाई-तीन हजार हेक्टेयर में होती थी, किन्तु पिछले वर्ष 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र से अधिक में सरसों बोई गई थी। सरसों फसल से उत्साहित कृषकों ने सूखे क्षेत्र में 5-6 किंवटल एवं सिंचित क्षेत्र में 8-10 क्ंिवटल उत्पादन लिया था। इस वर्ष सरसों बुआई का क्षेत्र 50 हजार हेक्टेयर तक होने की उम्मीद है।
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