State News (राज्य कृषि समाचार)

कलेक्टर, कृषि वैज्ञानिक ए कृषि अधिकारी खेतों में

Share

28 अगस्त 2020, रायसेन। कलेक्टर, कृषि वैज्ञानिक ए कृषि अधिकारी खेतों में रायसेन कलेक्टर श्री उमाषंकर भार्गव व कृषि विज्ञान केन्द्र, रायसेन के वैज्ञानिक पौध संरक्षण, श्री प्रदीप कुमार द्विवेदी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, सांची श्री ए.के. शुक्ला, बी.टी.एम. आत्मा श्री सुरेष परमार द्वारा सांची विकासखण्ड के सलामतपुर, मेंढकी, बेरखेड़ी के कृषक श्री स्वदेष पटेल, भगवान सिंह, मुन्ना पटेल के खेत में कीट व्याधि से प्रभावित सोयाबीन फसल का निरीक्षण कर चर्चा की। वैज्ञानिक, श्री प्रदीप कुमार द्विवेदी द्वारा सोयाबीन में सफेद मक्खी, तना मक्खी व राइजोक्टिोनिया रूट रॉट रोग व उसके नियंत्रण की जानकारी कृषकों को दी गई।

महत्वपूर्ण खबर : कृषि सुधारों पर मुख्यमंत्रियों व कृषि मंत्रियों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री का संवाद

उपसंचालक कृषि श्री एन.पी. सुमन, कृषि विज्ञान केन्द्र, रायसेन के वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डॉ. स्वप्निल दुबे, वैज्ञानिक पौध संरक्षण, श्री प्रदीप कुमार द्विवेदी, अनुभागीय कृषि अधिकारी श्री जी.एस. रैकवार, सहायक संचालक कृषि, श्री दुष्यंत धाकड़, बी.टी.एम. आत्मा, श्री गोविन्द नामदेव द्वारा गैरतगंज विकासखण्ड के ग्राम किषनपुर, तरावली, पटी, सहजपुर, तिजालपुर, चांदोनीगढ़ी, पिपलिया खुर्द आदि ग्रामों में सोयाबीन फसल का निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि सोयाबीन की फसल में राइजोक्टोनिया रूट रॉट व राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाईट फंगस से प्रभावित है, इसमें सोयाबीन के तने पर लाल भूरे धब्बे दिखाई देते हैं व जड़ सूख जाती है व तना नीचे से ऊपर की तरफ सूखता है। यह एक मिट्टी व बीज जनित रोग है। प्रभावित फसल में चकत्ते बनाकर दिखता है।

इस रोग के नियंत्रण के लिए हैक्साकोनाजोल 5 ई.सी. 800 मिली/है. या पाइरोक्लीस्ट्रोबीन 20 डब्ल्यू.जी. 500 ग्राम/है. या टेब्यूकोनाजोल 625 मिली/है. किसी एक दवा का 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
राइजोक्टोनिया रूट रॉट के प्रकोप का कारण लगातार 2-3 हफ्तों तक बारिष न होना व उसके बाद अत्यधिक बारिष का होना है। नमी की कमी के कारण यह रोग दिखाई दे रहा है।

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *