पंजाब में मछली पालन को बढ़ावा देगा सहकारी मॉडल, mPACS से होगी ग्रामीण विकास की नई शुरुआत
26 दिसंबर 2024, चंडीगढ़: पंजाब में मछली पालन को बढ़ावा देगा सहकारी मॉडल, mPACS से होगी ग्रामीण विकास की नई शुरुआत – पंजाब कृषि क्षेत्र में विविधता और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए नई रणनीतियों पर काम कर रहा है। इसी कड़ी में राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (सहकारिता) आलोक शेखर ने कहा कि मछली पालन क्षेत्र को प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) और नई बहुउद्देश्यीय कृषि सहकारी समितियों (mPACS) के जरिए बढ़ावा दिया जाएगा।
यह घोषणा पंजाब भवन में आयोजित सहकारता सम्मेलन में की गई, जहां सहकारी आंदोलन को मजबूत करने और mPACS के गठन पर जोर दिया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सहकारी समितियों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना था।
मछली पालन के लिए सूखते तालाब बने बड़ी चुनौती
आलोक शेखर ने बताया कि पंजाब के 13,000 गांवों में लगभग 18,000 तालाब हैं, जिनका मछली पालन के लिए उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, अधिकांश तालाब सूख चुके हैं, जिससे इनका पुनर्जीवन एक अहम जरूरत बन गया है। उन्होंने कहा कि तालाबों को पुनर्जीवित करने से मछली पालन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही भूजल स्तर और पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि मौजूदा PACS को मछली फार्म स्थापित करने, उत्पादन की मार्केटिंग और किसानों को लाभकारी कीमतें दिलाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही, नई mPACS के गठन पर भी जोर दिया जाएगा।
सम्मेलन के दौरान एक PACS प्रतिनिधि किसान की सलाह का जिक्र करते हुए शेखर ने कहा कि सहकारी समितियों के सदस्यों और हितधारकों के साथ नियमित संवाद बेहद जरूरी है। ऐसे सत्र न केवल फीडबैक तंत्र को मजबूत करेंगे, बल्कि शिकायतों के समाधान और नए विचारों को अपनाने में भी मददगार होंगे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिला और राज्य स्तर पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।
सहकारी आंदोलन में नवाचार की पहल
इससे पहले, रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटीज विमल कुमार सेतिया ने सहकारिता क्षेत्र में चल रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सहकारी आंदोलन को गति देने के लिए कई नई पहलों की शुरुआत की गई है, जिनका उद्देश्य ग्रामीण विकास और किसान आजीविका को बढ़ावा देना है।
सेतिया ने कहा कि सहकारी समितियां न केवल कृषि क्षेत्र में मददगार होंगी, बल्कि राज्य की आर्थिक प्रगति में भी अहम भूमिका निभाएंगी।
कार्यक्रम में PACS प्रतिनिधि किसानों, जैसे रविंदर सिंह, गुरबाज सिंह, और गुरदेव सिंह ने अपने अनुभव साझा किए। इन किसानों ने सहकारी पहलों के जमीनी स्तर पर प्रभाव और चुनौतियों को सामने रखा। उन्होंने मछली पालन, डेयरी फार्मिंग, और अन्य सहकारी गतिविधियों के जरिए आय में सुधार के अपने अनुभव बताए।
विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी
अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारी समितियां संदीप कुमार ने एक प्रस्तुति के जरिए पंजाब सहकारिता विभाग की योजनाओं और परियोजनाओं की जानकारी दी। इसमें सहकारी समितियों के कामकाज और उनकी भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
कार्यक्रम का समापन शुगरफेड की प्रबंध निदेशक सेनू दुग्गल के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
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