राज्य कृषि समाचार (State News)

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने “आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश” पर की चर्चा, तीन दिवसीय सम्मलेन का शुभारंभ

24 जुलाई 2024, भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने “आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश” पर की चर्चा, तीन दिवसीय सम्मलेन का शुभारंभ – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने “आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश” पर चर्चा के माध्यम से पंचायतों और ग्रामीण समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त और विकास पूर्ण बनाने के लिए बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने इसे भारतीय गांवों के स्वावलंबन की मुख्य शक्ति माना और बताया कि इसी स्वावलंबन के बल पर भारतीय समाज ने हजारों साल की गुलामी के बावजूद अपने सांस्कृतिक स्वरूप और मूल्यों को संरक्षित रखा है। इस चर्चा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ऐदल सिंह कंषाना, पशुपाल राज्य मंत्री लखन पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राधा सिंह तथा अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव भी उपस्थित थे I

जल संसाधन प्रबंधन पर जोर दिया: 

डॉ. यादव ने उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में गाँवों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया और उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने उत्कृष्ट जल संसाधन प्रबंधन की जरूरत को सामने रखते हुए बताया कि हर घर में जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए जल जीवन मिशन तथा कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने नर्मदा घाटी विकास के परिणामों को उजागर किया और केन-बेतवा लिंक परियोजना के माध्यम से मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश को वित्तीय सहायता प्रदान करने का उल्लेख किया। इसके अलावा, कालीसिंध-पार्वती और चंबल लिंक परियोजनाओं की शुरुआत के बारे में भी बताया गया, जो सिंचाई क्षेत्र के विस्तार को बढ़ाने में मदद करेंगी। इन परियोजनाओं के माध्यम से किसानों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रगति के अवसरों की व्यापक पहुंच होगी।

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पशुपालन को बढ़ने पर जोर:

 डॉ. यादव ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के स्तर को बढ़ाने के लिए पशुपालन को भी महत्वपूर्ण बताया है और इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा वृद्ध, अस्वस्थ, अपाहिज और असहाय गायों के लिए विशेष अनुदान प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, सरकारी या अर्द्ध सरकारी पशु-शाला को गौ-शाला के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि ऐसी गायों की देखभाल किया जा सके।

उनका मुख्य उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों के किसान अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकें और स्वावलंबी बन सकें। उन्होंने इस योजना के अंतर्गत किसानों को भी विशेष कार्य प्रदान करने का ऐलान किया है, जिनके पास 10 से अधिक गाय हैं। इसके साथ ही, फसलों के समान दूध पर बोनस की व्यवस्था की जा रही है ताकि गौ-माता के पालन को और भी प्रोत्साहित किया जा सके। गौ-माता की चेतना, आत्मीयता और महत्वपूर्णता को भी उजागर किया है। और उसे संरक्षित रखने के लिए विशेष नीतियाँ बनाई जा रही हैं।

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आयुर्वेदिक चिकित्सा एवं लघु, कुटीर उद्योग को बढ़ाने पर जोर: 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आयुर्वेदिक चिकित्सा को प्रदेश में बढ़ावा देने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में प्राकृतिक सौंदर्य और आयुर्वेदिक औषधियों की भरपूर सम्पदा है, और इसके लिए आयुर्वेदिक केंद्र विकसित किए जाएंगे। साथ ही उन्होंने लघु, कुटीर उद्योग और महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार में प्रस्तुत करने और उनकी आय में वृद्धि के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही, वे प्रधानमंत्री श्री मोदी की नीतियों के अनुरूप किसानों, महिलाओं, युवाओं और गरीबों को सशक्त करने और उन्हें जोड़ने का समर्थन कर रहे हैं।

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पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने “आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश” पर बात चित के दौरान पंचायत राज व्यवस्था को मजबूत और प्रभावी बनाने के महत्व को जाहिर किया है। उन्होंने इसके अंतर्गत कई मुद्दों पर चर्चा की बात की है: जैसे- कृषि को लाभकारी बनानाहरित मध्यप्रदेश, शहरीकरण का प्रभाव, केन्द्र पोषित योजनाओं का क्रियान्वयन, पेसा अधिनियम का कार्यान्वयन, वन क्षेत्र से लगी पंचायतों के सम्मुख चुनौतियाँ, ई-पंचायत व्यवस्था के मुद्दों पर चर्चा करने के माध्यम से पंचायतों को सशक्त और समृद्ध बनाने के उपायों को ध्यान में रखा जा रहा है। यह सभी कदम प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने “आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्य प्रदेश” विषय पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस प्रदर्शनी में विभिन्न मंडल मॉडल के स्टॉल शामिल थे, जैसे कि द्रव्य जीवामृत, सामुदायिक जैव संसाधन केंद्र, मनरेगा से आजीविका, संवर्धन पोषण शिक्षा, सामुदायिक पोषण वाटिका और प्राकृतिक खेती। इस अवसर पर जिला और जनपद पंचायतों के अध्यक्ष, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, और सरपंच भी उपस्थित थे। इस संगोष्ठी में कुल लगभग 500 प्रतिभागी शामिल हुए थे।

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