छत्तीसगढ़: ड्रोन दीदी चंद्रकली वर्मा ने तकनीक से बदली जिंदगी, खरीफ और रबी सीजन में कमाए दो लाख रुपये
03 दिसंबर 2024, रायपुर: छत्तीसगढ़: ड्रोन दीदी चंद्रकली वर्मा ने तकनीक से बदली जिंदगी, खरीफ और रबी सीजन में कमाए दो लाख रुपये – तकनीक के क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का बेहतरीन उदाहरण रायपुर जिले के नगपुरा गांव की चंद्रकली वर्मा हैं, जिन्हें अब “ड्रोन दीदी” के नाम से जाना जाता है। पारंपरिक खेती-किसानी से जुड़ी चंद्रकली ने ड्रोन तकनीक में विशेषज्ञता हासिल कर न केवल अपनी आमदनी बढ़ाई, बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनीं।
ड्रोन तकनीक से सफलता की उड़ान
चंद्रकली वर्मा ने ड्रोन के जरिए खेतों में कीटनाशक छिड़काव का काम शुरू किया। केवल 10 मिनट में एक एकड़ खेत में कीटनाशक छिड़काव करने की उनकी दक्षता ने उन्हें गांव से बाहर भी पहचान दिलाई। अब तक वे 700 एकड़ खेतों में छिड़काव कर चुकी हैं, जिससे उन्होंने खरीफ और रबी सीजन में कुल दो लाख रुपये की आय अर्जित की है।
चंद्रकली बताती हैं कि तकनीक ने उन्हें समय की बचत का अनमोल तोहफा दिया। सुबह बच्चों को स्कूल भेजने और घरेलू कामकाज निपटाने के बाद वे अपने काम के लिए निकल पड़ती हैं। ड्रोन के रिमोट कंट्रोल से खेतों में छिड़काव करना उनके लिए अब एक नियमित दिनचर्या बन चुका है।
कैसे बनीं “ड्रोन दीदी”?
आरंग विकासखंड की चंद्रकली वर्मा पहले महिला स्व-सहायता समूह से जुड़कर सीमित आमदनी कमा रही थीं। उनकी मेहनत और तकनीक के प्रति रुचि ने उन्हें आगे बढ़ने का अवसर दिया। उन्होंने 15 दिन की ड्रोन प्रशिक्षण ली और दिसंबर 2023 में उन्हें ड्रोन और उसके परिवहन के लिए वाहन उपलब्ध कराया गया।
चंद्रकली ने किसानों को मैनुअल तरीके से कीटनाशक छिड़काव के बजाय ड्रोन की मदद से होने वाले फायदों के बारे में जागरूक किया। धीरे-धीरे काम मिलने लगा और उनकी आमदनी बढ़ती गई।
बेटी को बना रहीं आईटी इंजीनियर
ड्रोन तकनीक से अपनी जिंदगी बदलने वाली चंद्रकली अब अपनी बेटी को आईटी इंजीनियरिंग की शिक्षा दिला रही हैं। तकनीक का महत्व समझकर उन्होंने अपनी बेटी को भी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
ड्रोन तकनीक का उपयोग न केवल समय और लागत बचा रहा है, बल्कि फसल उत्पादन में भी सुधार कर रहा है। चंद्रकली का मानना है कि तकनीक अपनाकर किसान अपनी फसल को अधिक लाभदायक बना सकते हैं।
चंद्रकली वर्मा आज अपने क्षेत्र में एक मिसाल हैं। उनका कहना है कि महिलाओं को भी तकनीक अपनाकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए। उनकी इस सफलता ने ग्रामीण महिलाओं को नई उम्मीद और प्रेरणा दी है।
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