गेहूं एवं केला फसल की कटाई के बाद बची नरवाई को न जलाने की अपील
09 मई 2025, बुरहानपुर: गेहूं एवं केला फसल की कटाई के बाद बची नरवाई को न जलाने की अपील – किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग उप संचालक श्री एम.एस. देवके ने जिले के किसानों से गेहूं एवं केला फसल की कटाई के बाद बची नरवाई को ना जलाने की अपील की है।
श्री देवके ने कहा कि, नरवाई जलाना पर्यावरण के लिए अत्यंत हानिकारक है। इसे कतई ना जलाएं। गेहूं एवं केला फसल कटाई के लिए हार्वेस्टर आदि का बहुतायत में उपयोग किया जाने लगा है। फलस्वरूप कटाई के उपरांत खेतों में नरवाई एवं भूसा शेष बचता है तथा केले की फसल कटाई के पश्चात पत्ते एवं तना अवशेष के रूप में बचते है, उन्हें किसान अनुपयोगी समझकर आग लगाकर नष्ट करते हैं, इससे भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है। पर्यावरण बचाना हम सब की जवाबदारी है। फसल कटाई उपरांत खेत में बचे अवशेषों का उचित तरीके से प्रबंधन किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
किसान नरवाई नष्ट करने हेतु रोटावेटर चलाकर नरवाई को बारीक कर मिट्टी में मिलाएं, जिससे जैविक खाद तैयार होती है। नरवाई से भूसा तैयार कर पशु आहार के रूप में उपयोग करें। जिन क्षेत्रों में कंबाइन हार्वेस्टर से फसल कटाई की जाती है, वहां हार्वेस्टर के साथ स्ट्रापर एवं रीपर-कम बाइंडर के उपयोग करना चाहिए। जिससे फसल को काफी नीचे से काटा जा सकता है। नरवाई जलाने की आवश्यकता नहीं होती है। खेतों की गहरी जुताई, हैप्पी सीडर तथा जीरो टिलेज सीड ड्रिल से बुवाई को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन यंत्रों के उपयोग से फसल अवषेशों को भूमि में ही मिलाया जा सकेगा। जिससे भूमि की उर्वरक शक्ति बढ़ेगी तथा फसल उत्पादन भी बेहतर प्राप्त होगा।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: