आलू के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीर उभरी
21 फ़रवरी 2025, भोपाल: आलू के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीर उभरी – आलू का उत्पादन करने वाले किसान इस बात की चिंता नहीं करते है कि उनके आलू बिकेंगे या फिर नहीं अथवा आलू की मांग कभी कम नहीं होती है लेकिन पश्चिम बंगाल के किसानों के सामने आलू ने ही चिंता खड़ी कर दी है. दरअसल पश्चिम बंगाल में इस सीजन में आलू की बंपर पैदावार हुई है लेकिन किसान इस कारण चिंता में है क्योंकि उन्हें डर है कि अगर सरकार अन्य राज्यों को इसकी सप्लाई न करने की अपनी पॉलिसी पर कायम रही, तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है. इससे कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है.
कृषि विभाग के अनुसार हुगली में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की गई है, जिससे बंपर पैदावार की उम्मीद है. आलू व्यापारियों को डर है कि अगर सरकार इस साल कोई पॉलिसी नहीं बनाती है तो इससे किसानों को परेशानी हो सकती है.
कृषि मंत्री बेचाराम मन्ना ने कहा, “आलू की पैदावार जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करती है. पूरे मामले पर नजर रखी जा रही है और उसके अनुसार ही निर्णय लिए जाएंगे.” पिछले साल हुगली में 44,000 हेक्टेयर में आलू बोया गया था, लेकिन विपरीत जलवायु के कारण पैदावार प्रभावित हुई और पैदावार 27 टन प्रति हेक्टेयर रही. इस साल खेती का रकबा 92,000 हेक्टेयर है और उम्मीद है कि एक बीघा में 70 बोरी आलू की पैदावार होगी. हुगली के कृषि उपनिदेशक मृयुंजय मर्दाना ने कहा, “इस साल पिछले साल की तुलना में खेती का रकबा काफी बढ़ गया है और कीटों के हमले का कोई मामला सामने नहीं आया है. लेकिन कुछ मामलों में, तना सड़न की समस्या देखी गई है और किसानों को इसके इलाज की सलाह दी गई है. इस साल पैदावार अधिक होने की उम्मीद है.
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