राज्य कृषि समाचार (State News)

अल्फांसो आम का मौसम समय से पहले खत्म, उत्तर प्रदेश में कीटों ने बढ़ाई चिंता

20 मई 2025, भोपाल: अल्फांसो आम का मौसम समय से पहले खत्म, उत्तर प्रदेश में कीटों ने बढ़ाई चिंता – महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में प्रसिद्ध हापुस (अल्फांसो) आम का मौसम इस वर्ष समय से पहले समाप्त हो रहा है। देर से हुई बारिश और जल्दी आए मानसून के कारण आम की फसल की अवधि कम हो गई है। व्यापारियों के अनुसार, महाराष्ट्र से हापुस आम अगले सप्ताह तक ही एपीएमसी बाजारों में उपलब्ध रहेगा।

मौसम की मार के चलते फूलों की संख्या में भारी गिरावट आई, जिससे उत्पादन केवल 25% तक सिमट गया है। किसानों को दूसरे चरण के फूलों से उम्मीद थी, लेकिन दोनों बार कम फल लगने के कारण फसल का समय केवल मई के मध्य तक ही बढ़ पाया। अब कोंकण क्षेत्र के कई बागान खाली हो चुके हैं।

शुरुआत में नवी मुंबई के एपीएमसी बाजार में आम की अच्छी आवक देखी गई थी, लेकिन मई में यह काफी घट गई। व्यापारियों का मानना है कि महाराष्ट्र के हापुस आम की अंतिम खेप अगले सप्ताह आएगी, हालांकि अन्य राज्यों से आमों की आपूर्ति जारी रहेगी। मुंबई में देवगढ़ हापुस की अधिक मांग है, जिसकी कीमत प्रति पेटी ₹10,000 से ₹12,000 के बीच रही।

दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश के आम उत्पादक किसानों को कीटों की बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। खासकर मलीहाबाद जैसे क्षेत्रों में बढ़ते तापमान के कारण जोड़ीदार फ्रूट बोरर (paired fruit borer) और सेमीलूपर (semilooper) जैसे कीट फसलों को नुकसान पहुँचा रहे हैं। ये कीट फल की सतह को नुकसान पहुंचाकर उसकी गुणवत्ता और स्वाद को प्रभावित करते हैं, जिससे बाजार मूल्य घट जाता है।

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) के निदेशक टी. दामोदरन के अनुसार, ये कीट विकसित हो रहे फलों और उनके डंठल पर अंडे दे रहे हैं। जोड़ीदार फ्रूट बोरर दो फलों के मिलन बिंदु पर अंडे देता है, जबकि सेमीलूपर कच्चे फलों की त्वचा को नुकसान पहुँचाता है।

जिन किसानों ने फलों को ढकने के लिए विशेष बैग्स का उपयोग किया है, उन्हें कम नुकसान हो रहा है। लेकिन छोटे किसान इस खर्च को वहन नहीं कर पा रहे हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि ऐसे किसान कीट संक्रमण वाले स्थानों पर लक्षित स्प्रे का उपयोग करें। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता जा रहा है, कीट प्रकोप की आशंका भी बढ़ रही है, जिससे आम की खेती के लिए कीट नियंत्रण एक गंभीर चुनौती बन गया है।

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