राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

मोदी सरकार की किसानों के लिए नई पहल 29 मई से शुरू – 2,170 टीमें खेतों में उतरेंगी

65,000 गांवों में किसानों से संवाद करेंगी 2,170 टीमें, 29 मई से शुरू होगा राष्ट्रीय कृषि अभियान

19 मई 2025, नई दिल्ली: मोदी सरकार की किसानों के लिए नई पहल 29 मई से शुरू – 2,170 टीमें खेतों में उतरेंगी – केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए “विकसित कृषि संकल्प अभियान” की जानकारी दी, जो 29 मई से देशभर में शुरू होगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के निर्माण का संकल्प लिया गया है और इस लक्ष्य को पाने के लिए विकसित कृषि क्षेत्र और समृद्ध किसान अनिवार्य हैं। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो लगभग आधी आबादी को रोजगार देती है और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती है।

खाद्य सुरक्षा और किसान समृद्धि सुनिश्चित करना प्राथमिक उद्देश्य

मीडिया को संबोधित करते हुए चौहान ने बताया कि देश की कृषि नीति का मूल उद्देश्य खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। भारत की लगभग 1.45 अरब जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए, यह आवश्यक है कि हर नागरिक को पर्याप्त अनाज, सब्ज़ियां और फल मिलें और साथ ही खेती को लाभकारी व्यवसाय भी बनाया जाए। उन्होंने भोजन की मात्रात्मक उपलब्धता के साथ-साथ पोषण गुणवत्ता पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और उनके कुशल उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी उनसे लाभ उठा सकें। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मंत्रालय ने छह स्तंभों वाली रणनीति अपनाई है:

  1. उत्पादन में वृद्धि
  2. उत्पादन लागत में कमी
  3. फसल के लिए उचित मूल्य
  4. प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई
  5. फसल विविधीकरण और प्रोसेसिंग के ज़रिए मूल्य संवर्धन
  6. प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देना

2024–25 में रिकॉर्ड तोड़ कृषि उत्पादन

चौहान ने बताया कि इस वर्ष देश ने ऐतिहासिक कृषि उत्पादन दर्ज किया है: खरीफ धान – 1206.79 लाख मीट्रिक टन, गेहूं – 1154.30 लाख मीट्रिक टन, खरीफ मक्का – 248.11 लाख मीट्रिक टन, मूंगफली – 104.26 लाख मीट्रिक टन, और सोयाबीन – 151.32 लाख मीट्रिक टन। उन्होंने यह भी कहा कि अनाज भंडार भर चुके हैं, लेकिन देश की महत्वाकांक्षा यहीं खत्म नहीं होती। भारत न केवल अपनी ज़रूरतें पूरी करेगा बल्कि अन्य देशों की भी मदद करेगा – लक्ष्य है कि भारत “विश्व का खाद्य भंडार (Food Basket of the World)” बने। इसके लिए कृषि उत्पादकता बढ़ाने और लागत घटाने के लिए काम कर रही सभी संस्थाओं को एक दिशा में समन्वित किया जा रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की 113 संस्थाएं इस अभियान के तहत समन्वित रूप से कार्य करेंगी।

ज़मीन पर प्रभाव लाने के लिए राष्ट्रीय अभियान

चौहान ने बताया कि कुल खाद्यान्न उत्पादन 2023–24 में 3157.74 लाख टन से बढ़कर 2024–25 में 3309.18 लाख टन हो गया है। खरीफ उत्पादन 1557.68 से बढ़कर 1663.91 लाख टन हुआ, वहीं रबी उत्पादन 1600.06 से बढ़कर 1645.27 लाख टन तक पहुंच गया। दालों का उत्पादन 221.71 से बढ़कर 230.22 लाख टन हुआ और तिलहनों का उत्पादन 384 से बढ़कर 416 लाख मीट्रिक टन दर्ज किया गया।

उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में आयोजित खरीफ सम्मेलन में, जिसमें सभी राज्यों के कृषि मंत्री उपस्थित थे, यह निर्णय लिया गया कि इस वर्ष खरीफ मौसम के लिए “विकसित कृषि संकल्प अभियान” शुरू किया जाएगा। लगभग 16,000 वैज्ञानिक कृषि अनुसंधान में लगे हुए हैं, लेकिन उनके शोध को किसानों की वर्तमान ज़रूरतों के अनुरूप होना चाहिए – इसलिए डिमांड-ड्रिवन रिसर्च को प्राथमिकता दी गई है। इस अभियान के तहत 2,170 वैज्ञानिक टीमों का गठन किया गया है, जिनमें प्रत्येक में कम से कम चार वैज्ञानिक होंगे, और उनके साथ कृषि विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। इन टीमों में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, राज्य सरकार के अधिकारी, केंद्रीय कृषि विभाग की टीमें, प्रगतिशील किसान और किसान उत्पादक संगठन (FPOs) भी होंगे।

29 मई से 12 जून के बीच ये टीमें गांवों का दौरा करेंगी, रोज़ाना सुबह, दोपहर और शाम के सत्रों में किसानों के साथ संवाद करेंगी, उन्नत कृषि पद्धतियों की जानकारी साझा करेंगी, जलवायु लचीली और लागत-कटौती तकनीकों को बढ़ावा देंगी और खेत में किसानों की समस्याओं का मौके पर समाधान करेंगी।

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