कृषि मंत्री श्री पटेल ने की खरीफ फसलों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा
29 सितम्बर 2021, इंदौर । कृषि मंत्री श्री पटेल ने की खरीफ फसलों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा – मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कल अपने इन्दौर प्रवास के दौरान खरीफ फसलों की वर्तमान स्थिति एवं आगामी रबी की तैयारी के संबंध में संभाग एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक लेकर चर्चा की। समीक्षा में पाया गया कि संभाग की खरीफ फसलों का क्षेत्राच्छादन जिसमें सोयाबीन 886123 हेक्टर में, मक्का 352053 हेक्टर में तथा कुल दलहन का रकबा 163557 हेक्टर रहा है। दलहनी फसलों के समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा खरीदी किये जाने से कृषकों को मण्डी भाव अधिक प्राप्त हुआ। जिससे भाव में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ उनकी आय में अतिरिक्त वृद्धि हुई है, परिणाम स्वरूप इस वर्ष सोयाबीन के साथ-साथ दलहनी फसलों का रकबा गतवर्ष से 33 प्रतिशत बढ़ा है।
मंत्री श्री पटेल ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्तमान में कृषकों को कम वर्षा एवं अधिक वर्षा से कहीं-कही फसलों में नुकसान देखने को मिल रहा है। वहाँ पर मैदानी अमला फसल का निरीक्षण कर अधिक से अधिक फसल कटाई प्रयोग किये जाएं जिससे अधिक कृषकों को बीमा का लाभ मिलकर नुकसानी की भरपाई की जा सके। फसल बीमा योजना का लाभ समस्त कृषकों को मिले इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए । उन्होंने रबी सीजन में लगने वाले यूरिया, डीएपी एवं एनपीके उर्वरकों की कृषकों को कमी परिलक्षित ना हो इस हेतु इन उर्वरकों के उपयोग के अलावा मैदानी अधिकारियों को विभिन्न कॉम्पलेक्स उर्वरकों के उपयोग करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये।
मंत्री श्री पटेल ने उच्च गुणवत्ता का बीज, खाद एवं कीटनाशक किसानों को उपलब्ध हो इसके लिए सतत मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कहीं भी नकली बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक तथा कालाबाजारी की स्थिति में संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। संभाग में बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक गुण नियंत्रण के अंतर्गत 63 लायसेंस निलंबन 10 निरस्त एवं 17 के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये गये हैं। इस वर्ष रबी सीजन में विशेष अभियान चलाकर अधिक से अधिक से सेम्पल एवं निरीक्षण कर कार्यवाही किये जाने के निर्देश भी मंत्री श्री पटेल ने दिये। मंत्री श्री पटेल ने कमल सुविधा केन्द्र के अलावा फेसबुक, ट्यूटर एवं इंस्टाग्राम पर अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के निर्देश दिए ,ताकि वे शासन को अपने सुझाव एवं समस्याओं से अवगत कराकर प्रतिउत्तर प्राप्त कर सकेंगे। इससे शासन की योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार एवं कृषकों से जीवंत सम्पर्क स्थापित होगा।