छत्तीसगढ़ में राइस मिलर्स की मांगों पर सहमति, धान उठाव और मिलिंग में तेजी आएगी
02 दिसंबर 2024, रायपुर: छत्तीसगढ़ में राइस मिलर्स की मांगों पर सहमति, धान उठाव और मिलिंग में तेजी आएगी – छत्तीसगढ़ में किसानों को धान बेचने में आ रही दिक्कतें अब खत्म होने की उम्मीद है। राज्य के धान उपार्जन केंद्रों में धान का उठाव न होने के कारण जाम की स्थिति पैदा हो गई थी। इस समस्या के समाधान के लिए शासन स्तर पर राइस मिलर्स, लघु उद्योग भारती और भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों के बीच सकारात्मक बातचीत हुई। बैठक के बाद राइस मिलर्स ने धान उठाव और कस्टम मिलिंग जारी रखने पर सहमति व्यक्त की है।
समस्या और समाधान पर चर्चा
धान उपार्जन केंद्रों में धान के बढ़ते जमाव के कारण किसानों को धान बेचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इस मुद्दे को हल करने के लिए शासन ने राइस मिलर्स की लंबित राशि का जल्द भुगतान करने और उनकी अन्य मांगों का समाधान निकालने का निर्णय लिया है। इस पहल के बाद मिलर्स ने उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव और मिलिंग कार्य जारी रखने का आश्वासन दिया है।
बैठक में खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्यामबिहारी जयसवाल की मौजूदगी में राइस मिलर्स ने यह सहमति दी कि वे धान का नियमित उठाव करेंगे और तेजी से कस्टम मिलिंग कर चावल नागरिक आपूर्ति निगम और भारतीय खाद्य निगम में जमा करेंगे।
धान उपार्जन प्रक्रिया में तेजी
छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीद जारी है। राज्य के धान उपार्जन केंद्रों में भारी मात्रा में धान की आवक हो रही है। अब, राइस मिलर्स की सहमति से धान का उठाव तेजी से होगा, जिससे किसानों को राहत मिलेगी।
राइस मिलर्स की मांगों पर फैसले
- लंबित राशि का भुगतान: राइस मिलर्स की बीते वर्षों की लंबित राशि का जल्द भुगतान किया जाएगा।
- अन्य मांगों का समाधान: बैठक में मिलर्स की अन्य मांगों पर भी सकारात्मक चर्चा हुई।
भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों और लघु उद्योग भारती के पदाधिकारियों ने बैठक में भाग लिया और किसानों की समस्या के समाधान के लिए इस पहल पर सहमति जताई।
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