राज्य कृषि समाचार (State News)

पंजाब में मीलर्स और सरकार के बीच समझौता, सीएम मान के आश्वासन से खत्म हुई हड़ताल

07 अक्टूबर 2024, चंडीगढ़: पंजाब में मीलर्स और सरकार के बीच समझौता, सीएम मान के आश्वासन से खत्म हुई हड़ताल – पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की हस्तक्षेप के बाद राज्य के मीलर्स ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। मुख्यमंत्री ने मीलर्स के प्रमुख मुद्दों को सुलझाने का भरोसा दिया और केंद्र सरकार के साथ उनकी मांगों को उठाने का आश्वासन दिया। इस बैठक के बाद मीलर्स एसोसिएशन ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही गोदामों में जगह की कमी का मुद्दा केंद्र सरकार के सामने उठा चुकी है, जिसके बाद केंद्र ने दिसंबर 2024 तक 40 लाख टन और मार्च 2025 तक 90 लाख टन जगह खाली करने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, इस महीने के अंत तक 15 लाख टन गेहूं और धान को राज्य से बाहर भेजने की योजना है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि राज्य सरकार ने 48 लाख टन गेहूं को राज्य के सरकारी और किराए के गोदामों में संग्रहित किया है, जिसे मार्च 2025 तक स्थानांतरित किया जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद खाली हुई जगह का उपयोग धान के भंडारण के लिए किया जाएगा, जिसकी निगरानी एक तीन सदस्यीय समिति करेगी, जिसमें एफसीआई और राज्य एजेंसियों के सदस्य शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री ने मीलर्स के एक प्रमुख मुद्दे पर सहमति जताई, जिसमें कहा गया था कि जिन मीलर्स की भंडारण क्षमता 5000 टन से अधिक है, उन्हें अब बैंक गारंटी देने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय, उनके मिल की भूमि के रिकॉर्ड के आधार पर एक लीइन (Lien) ली जाएगी। साथ ही, लंबित सीएमआर (Central Mill Rice) प्रतिभूतियों के 10% हिस्से को मीलर्स को लौटाने की भी मंजूरी दी गई।

इसके अलावा, मीलर्स को राहत देते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब से उन्हें सीएमआर की दर 10 रुपये प्रति टन के हिसाब से चुकानी होगी। मीलर्स की एक और मांग को मानते हुए उन्होंने मौजूदा मिलों की भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया से छूट देने की भी सहमति दी।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि धान की कटाई सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक न हो, ताकि नमी के स्तर को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने मंडी बोर्ड को भी एफसीआई की तर्ज पर नमी मापक खरीदने का निर्देश दिया, जिससे धान खरीद के दौरान 17% नमी सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से ड्रायेज (Driage) बहाली, एमएसपी पर 1% तक की छूट, चावल की परिवहन लागत की प्रतिपूर्ति और अन्य मुद्दों पर भी बातचीत करने का आश्वासन दिया।

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