बड़वानी जिले के किसानों को सोयाबीन एवं कपास फसल हेतु सलाह
11 सितम्बर 2025, बड़वानी: बड़वानी जिले के किसानों को सोयाबीन एवं कपास फसल हेतु सलाह – जिले में लगातार हो रही बारिश से किसान भाइयों द्वारा खेतों मे इंटर कल्चर कार्य नही कर पाने के कारण फसलों में सोयाबीन फसल में तम्बाकु की इल्ली, सेमीलूप इल्ली, गर्डल बीटल एवं तना मक्खी एवं अन्य तथा कपास फसल में रस चूसक कीट व मक्का फसल में तना छेदक इल्ली या फालआर्मी वर्म का प्रकोप फील्ड भ्रमण के दौरान देखने में आया ।
इस हेतु राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवाएं अनुसार आगामी मौसम 3-4 दिन तक खुला रहने की संभावना बन रही है । मौसम खुला रहने पर सोयाबीन फसल के खेतों से जल निकास के लिए जल निकास नाली बनाएं , सोयाबीन की फसल में तम्बाकू की इल्ली, सेमीलूपर इल्ली, गर्डल बीटल का प्रकोप देखा जा रहा है। इनके नियंत्रण हेतु बीटासायफ्युथ्रिन इमिडाक्लोलप्रिड 350 मिली./हेक्टर . या थायोमेथाक्साम $ लेम्बडा सायहॅलोथ्रीन 125 मिली./हेक्टेयर. का छिड़काव करे । जहां केवल सेमीलूपर का प्रकोप हो, वहां लेम्बडा सायहॅलोथ्रीन 125 मिली./हेक्टेयर. 4.9 एससी. 300 मिली./हेक्ट . या इंडोक्साकार्ब 15.8 ई.सी. 333 मिली./हेक्टेयर. का छिड़काव मौसम साफ होने पर करें ।
कपास फसल में लगातार हो रही बारिश होने के चलते खेतों से जल निकास के लिए नाली बनाएं, कपास की 60 से 70 दिनों की फसल में अनुशंसित उर्वरक नत्रजन की 1/4 व फास्फोरस और पोटाश उर्वरक की शेष 1/2 मात्र दें एवं रस चूसक कीट के नियंत्रण हेतु नीम तेल 1.0 मिली/ली. निंबोली गिरी का अर्क का उपयोग करें । यदि मिली बग से कलियों को आर्थिक क्षति की गई हो तो एसीफेट 75 एसपी/ 1.0 ग्रा/ली. अथवा थायोमिथाक्सम दवा 0.5 ग्राम/लीटर का छिड़काव मौसम साफ होने पर करें । इसी प्रकार मक्का की फसल में तनाछेदक इल्ली या फालआर्मी वर्म के नियंत्रण हेतु ईमामेक्टीन बेंजोएट 5.0 एससी दवा का 0.4 ग्रा./ली. पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें ।
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