राज्य कृषि समाचार (State News)

खरपतवार नाशक दवाइयों का उपयोग करते वक्त रखना चाहिए: सावधानी

30 नवंबर 2024, भोपाल: खरपतवार नाशक दवाइयों का उपयोग करते वक्त रखना चाहिए: सावधानी – किसानों को खरपतवार नाशक दवाइयों का उपयोग करते वक्त बहुत सी सावधानी रखने की जरूरत होती है। कृषि वैज्ञानिकों का यह कहना है कि यदि सावधानी नहीं बरती जाती है तो भारी नुकसान हो सकता है। बता दें कि गेहूं की बिजाई के बाद सिंचाई और खरपतवार नाशक दवाइयों के चयन की बारी आती है।

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि किसान बिजाई के 21 दिन बाद फसल में पहली सिंचाई करे, जबकि बिजाई के 35 दिन के बाद फसल में खरपतवार नाशक दवा का स्प्रे प्रति एकड़ 200 लीटर पानी का घोल बनाकर साफ मौसम में दोपहर के समय करें। गेहूं के खेतों में बहुत से अनावश्यक पौधे उग जाते हैं, जो खरपतवार होते हैं। खरपतवार नियंत्रण समय पर करना अति आवश्यक है। यदि किसान ऐसा नहीं करते तो उनके खेतों में पैदावार कम रह जाती है। गेहूं के खेत में शुरू में उगने वाले खरपतवार मंडूसी या गुल्ली डंडा की पहचान कर पाना बेहद मुश्किल है। इस तरह के खरपतवार की वजह से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गेहूं की फसल भी खराब हो जाती है। गेहूं के खेत में मंड्सी के पौधों की पहचान काफी मुश्किल होती है, लेकिन ध्यान से देखने पर पता चलेगा कि मंड्सी के पौधे गेहूं के मुकाबले हल्के रंग के होते हैं। मंडूसी में लैग्यूम और गेहूं में आरिकल्ज ज्यादा विकसित होते हैं। खरपतवार नाशक को सही मात्रा, सही समय व उपयुक्त तकनीक से छिड़काव करें। बुआई के 30 से 35 दिन की अवधि में छिड़काव अवश्य कर दें। खरपतवारनाशी को अदल-बदल कर उपयोग में लाएं। फसल चक्र में चारे वाली फसलें जैसे बरसीम, जई आदि का समायोजन अवश्य करें। अधिक असर के लिए सल्फोसल्फ्यूरॉन जमा मेटसल्फ्युरॉन का पहली सिंचाई से पहले उपयोग करें।

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