राज्य कृषि समाचार (State News)

उज्जैन की महिला किसान ने मैदान में उगा दिए है सेब

07 अक्टूबर 2024, उज्जैन: उज्जैन की महिला किसान ने मैदान में उगा दिए है सेब –  ज्यादातर लोग यही जानते हैं कि सेब ठंडे प्रदेशों के पहाड़ों पर उगते हैं. खासकर जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा सेब का उत्पादन होता है. लेकिन, मध्य प्रदेश के उज्जैन में जब आप सेब से लदे पेड़ देखेंगे तो आपकी आंखें खुली रह जाएंगी. आश्चर्य तो तब और होगा, जब आपको पता चलेगा कि यह कारनामा एक महिला किसान का है. उज्जैन के हामूखेड़ी की 70 वर्षीय भगवंती देवी ने मैदान में सेब उगा दिए हैं.

भगवंती देवी ने  बताया कि पहले वह पारंपरिक खेती करती थी, जिसमें गेहूं और चने की फसल उगाती थीं. इससे खास आमदनी नहीं होती थी. दो बीघा जमीन में 70 हजार रुपये तक सालाना मुनाफा हो जाता था, जिसमे गुजारा कर पाना काफ़ी मुश्किल होता था. फिर उन्होंने धीरे-धीरे सभी तरह की खेती शुरू की. खेती के नए-नए तरीके सीखे, जिससे आज उनकी स्थिति बदल गई.

Advertisement
Advertisement

भगवंती देवी अपने फार्म पर कई तरह की यूनिक फार्मिंग कर रही हैं. उन्होंने बताया कि 2004 की बात है. हफ्ते में एक बार दूरदर्शन पर खेती-किसानी का प्रोग्राम आता था. इसमें एक्सपर्ट आधुनिक तरीके से खेती के बारे में जानकारी देते थे. इसी कार्यक्रम में कटहल की खेती के बारे में पता चला. यहीं से उन्हें खेती के नए-नए तरीके सीखने को मिले.

महिला किसान भागवंती देवी ने बताया कि इस पूरे कार्य में उनके परिवार मदद करता है. कुछ साल से खेत के कुछ हिस्से में कटहल के पौधे लगाने शुरू किए. 5-6 साल बाद फल अच्छे आने लगे. इनकम भी बढ़ने लगी तो दक्षिण भारत के अलग-अलग राज्यों से और पौधे मंगवाकर लगाए. उस समय एक पौधा 50 से 100 रुपये का पड़ा था. अभी एक पेड़ एक सीजन में 12 से 15 हजार की कमाई करवा रहा है. यह अंगूरी कटहल है, जो 12 से 15 किलो का होने पर भी पीला नहीं पड़ता है. इसके अलावा स्ट्रॉबेरी, चीकू, आम, संतरे, मौसंबी, अनार, नींबू, फूल भी लगाए हैं. सब्जियों की भी खेती कर रही हैं. इनमें लागत हटाकर 5 साल से करीब 5 लाख रुपये की कमाई हो रही है.

Advertisement8
Advertisement

उन्होंने बताया कि डिजिटल युग में जहां हर तरफ सोशल मीडिया या मोबाइल देखने को मिलते हैं. उसमें बहुत सी अच्छी चीजें देखने को मिलती हैं. कुछ साल पहले नर्सरी से 4 पौधे लाकर लगाए थे. दो साल बाद फल आने शुरू हो गए थे. दो पेड़ों पर अब भी सेब लगे हैं, जबकि तीन पेड़ से सेब तोड़कर बेच दिए हैं. सेब की खेती यूट्यूब से सीखी थी.

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement