State News (राज्य कृषि समाचार)

छत्तीसगढ़ में 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का नया रिकॉर्ड

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23 लाख 42 हजार किसानों से धान खरीदने वाला देश का पहला राज्य, देश में सर्वाधिक धान खरीदने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ का दूसरा स्थान

1 फरवरी 2023,  रायपुर । छत्तीसगढ़ में 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का नया रिकॉर्ड – छत्तीसगढ़ राज्य ने खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान खरीदी की अंतिम तिथि 31 जनवरी तक 107 लाख 51 हजार 858 मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी कर एक नया रिकॉर्ड कायम कर बीते साल 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। छत्तीसगढ़ देश में पंजाब के बाद दूसरा राज्य है, जहां सर्वाधिक मात्रा में धान खरीदा गया है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यदि देखा जाए, तो छत्तीसगढ़ पूरे देश में अव्वल स्थान पर है। राज्य में 23 लाख 41 हजार 935 किसानों ने अपना धान समर्थन मूल्य पर बेचा है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यह आकड़ा इतना ज्यादा है कि देश के अन्य राज्य इसके आसपास भी नहीं है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते राज्य में कृषि और किसान दोनों समृद्ध हुए हैं। राज्य में धान खरीदी के आंकड़े में साल-दर-साल की रिकॉर्ड वृद्धि और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ के मान से उत्पादक कृषकों को दी जा रही 9 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी का ही परिणाम है कि राज्य की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था लगातार सुदृढ़ होते जा रही है। इस बात का अंदाजा सिर्फ इससे लगाया जा सकता है कि इस साल राज्य में 249 नई राईस मिले स्थापित हुई है, जिसके कारण राज्य में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग करने के लिए पंजीकृत मिलर्स की संख्या 2035 से बढ़कर अब 2284 हो गई है।

बीते चार सालों में कृषि के क्षेत्र में समृद्धि और किसानों की खुशहाली का ही परिणाम है कि, राज्य में टैªक्टर खरीदने वाले ग्रामीणों और किसानों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। राज्य में चार सालों में किसानों ने 80 हजार से अधिक ट्रैक्टर की खरीदी की है।

खाद्य सचिव श्री टी.के. वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए खरीदी केन्द्रों से मिलर्स द्वारा सीधे धान का उठाव की व्यवस्था सुनिश्चित की गई, जिसके चलते अब तक 90 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का उठाव किया जा चुका है।

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