पंजाब में कपास की खेती में 20% की बढ़ोतरी, मक्का बुवाई भी पकड़ रही रफ्तार
28 जून 2025, चंडीगढ़: पंजाब में कपास की खेती में 20% की बढ़ोतरी, मक्का बुवाई भी पकड़ रही रफ्तार – पंजाब में खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ ही फसल विविधिकरण की दिशा में कुछ बदलाव देखने को मिल रहे हैं। राज्य के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने जानकारी दी है कि इस साल नरमे (कपास) की खेती का रकबा बढ़कर 2.98 लाख एकड़ हो गया है, जो पिछले साल 2.49 लाख एकड़ था। यानी करीब 49,000 एकड़ की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
नरमे की खेती में फाजिल्का सबसे आगे
फाजिल्का जिला 60,121 हेक्टेयर के साथ नरमे की खेती में राज्य में शीर्ष पर है। इसके बाद क्रमशः मानसा (27,621 हेक्टेयर), बठिंडा (17,080 हेक्टेयर) और श्री मुक्तसर साहिब (13,240 हेक्टेयर) का स्थान है।
मंत्री ने बैठक में जानकारी दी कि अब तक 49,000 से अधिक किसानों ने नरमे के बीजों पर सब्सिडी पाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवा लिया है। सभी ज़िला कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि 15 जून तक शेष किसानों का पंजीकरण पूरा किया जाए।
मक्का बुवाई की गति भी तेज
खरीफ सीजन में मक्के की बुवाई 1 जून से शुरू हुई और नौ दिनों में 54,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में बुआई हो चुकी है। मक्का उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से छह जिलों—बठिंडा, संगरूर, पठानकोट, गुरदासपुर, जालंधर और कपूरथला—में एक पायलट योजना चलाई जा रही है। इसके तहत धान की जगह मक्का उगाने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 17,500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना का लक्ष्य 12,000 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की खेती को बढ़ावा देना है।
इसके साथ ही मक्का किसानों को प्रशिक्षण देने और मार्गदर्शन के लिए 200 किसान मित्र भी नियुक्त किए गए हैं।
सीधी बुवाई और खाद की आपूर्ति पर भी नजर
बैठक में खरीफ सीजन की अन्य तैयारियों जैसे धान की सीधी बुवाई (DSR), उर्वरक आपूर्ति और कृषि सामग्री की उपलब्धता की समीक्षा भी की गई। कृषि मंत्री ने ज़िला अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को गुणवत्ता वाली सामग्री समय पर उपलब्ध कराई जाए।
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