राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

80 हजार करोड़ रुपए का गेहूं एमएसपी पर खरीदा गया

2 जून 2021, नई दिल्ली । 80 हजार  करोड़ रुपए का  गेहूं एमएसपी पर खरीदा गया – रबी विपणन सत्र (आरएमएस) 2021-22 के दौरान उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद लगातार जारी है। अभी तक कुल 80,334.56 करोड़ रुपए की एमएसपी कीमत पर गेहूं की खरीद हुई है।   पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी अभी तक (30 मई 2021 तक) 406.76 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी जा चुकी है जोकि अभी तक की अधिकतम रिकॉर्ड खरीद है। पिछले वर्ष 360.28 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीद हुई थी। जबकि अगर पिछले अधिकतम रिकॉर्ड खरीद की बात करें तो यह 389.92 लाख मीट्रिक टन था। इस वर्ष 43.55 लाख किसानों को अभी तक इस गेहूं खरीद का फायदा पहुंचा है।

धान – 787.87 लाख टन खरीद हो चुकी है

खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद सुचारु रूप से चल रही है। कई राज्यों से 30 मई 2021 तक 787.87 लाख मीट्रिक टन धान (जिसमें 706.62 लाख मीट्रिक टन खरीफ फसल और 81.25 लाख मीट्रिक टन रबी फसल की खरीद शामिल है) की खरीद हो चुकी है। पिछले वर्ष यह खरीद 721.25 लाख मीट्रिक टन थी। खरीफ फसल खरीद की इस प्रक्रिया में अभी तक 117.04 लाख किसानों को फायदा पहुंच चुका है जहां 1,48,750.89 करोड़ रुपए की एमएसपी कीमत की खरीद हो चुकी है। खरीफ फसल खरीद में धान की खरीद भी अपने अधिकतम स्तर को पार कर चुकी है जिसने अपने पिछले अधिकतम रिकॉर्ड (773.45 लाख मीट्रिक टन) को तोड़ा है। यह रिकॉर्ड 2019-20 सीजन का है।

7 लाख  टन दालों और तिलहनो की खरीद 

इसके अलावा राज्यों द्वारा दिए गए प्रस्तावों के आधार पर 107.81 लाख मीट्रिक टन दालों और तिलहनों की खरीद की मंजूरी भी खरीफ मार्केटिंग सीजन 2020-21, रबी विपणन  सत्र 2021 और ग्रीष्मक सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना के तहत तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, औऱ आंध्र प्रदेश को दी जा चुकी है। 30 मई 2021 तक सरकार ने नोडल एजेंसियों के माध्यम से खरीफ 2020-21 और रबी 2021 के दौरान 7,14,695.80 लाख मीट्रिक टन मूंग, उड़द, तूड़, चना, मसूर, मूंगफली, सरसों और सोयाबीन की 3,741.39 करोड़ रुपए की एमएसपी मूल्य की खरीद की है जिससे तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान के 4,25,586 किसानों को लाभ पहुंचा है।

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