केंद्रीय कृषि मंत्री ने सोयाबीन हितधारकों से किया संवाद
01 जुलाई 2025, इंदौर: केंद्रीय कृषि मंत्री ने सोयाबीन हितधारकों से किया संवाद – केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर में सोयाबीन हितग्राहियों के साथ संवाद किया। इस दौरान कृषि सचिव, भारत सरकार श्री देवेश चतुर्वेदी एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. मांगीलाल जाट भी उपस्थित थे। यह संवाद देश की तिलहनी फसलों के उत्पादन में वृद्धि हेतु किया गया , ताकि देश खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर हो सके।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सोयाबीन का मशीन द्वारा बीज उपचार का सजीव अवलोकन किया। इसके बाद स्वयं बी.बी.एफ. पद्धति द्वारा सोयाबीन की बुवाई का प्रदर्शन किया और किसानों को इसे अपनाने पर जोर दिया। साथ ही बी.बी.एफ. पद्धति को कस्टम हायरिंग करने की सलाह दी। आपने कहा कि बीज उपचार के लिए आवश्यक रसायन न तो अमानक हो, न ही ज्यादा महंगा हो और ताकि यह किसान की पहुंच में रहे । केंद्रीय कृषि मंत्री ने ‘प्रक्षेत्र प्रसाधन परिसर ‘ के उद्घाटन के साथ ही मोलसर का पौधा भी रोपा।
‘राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन की समीक्षा बैठक में म.प्र. एवं राजस्थान की सोयाबीन की उत्पादकता पर चिंता जताई । उत्पादकता बढ़ाने केलिए आवश्यक उपायों को अपनाने पर जोर दिया। साथ ही ब्रीडर सीड का उत्पादन बढ़ाने एवं सोयाबीन बीज के सही भण्डारण करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे कि सोयाबीन की अंकुरण क्षमता बढ़ सके। इसके बाद कृषि मंत्री श्री चौहान ने मंडप परिसर में किसानों के साथ संवाद किया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक (फसल विज्ञान) डॉ. डी.के.यादव ने खराब मौसम के कारण सोयाबीन की उत्पादकता गिरने पर चिंता व्यक्त की,वहीं ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान ‘ की सफलता की सराहना भी की। राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर के निदेशक डॉ के एच सिंह ने ‘सोयाबीन में चुनौतियां और अवसर ‘पर प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के कृषि मंत्री श्री मानिक राव, कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, राज्य सरकारों के प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी, इंदौर के सांसद श्री शंकर लालवानी एवं स्थानीय विधायकों सहित कृषक संगठन, बीज कंपनियां, सोयाबीन प्रसंस्करण कंपनियां एवं संबंधित औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित थे ।
पत्रकारों से चर्चा में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सोयाबीन की खेती में लागत कम करने ,उत्पादन बढ़ाने, फसल विविधिकरण, प्राकृतिक खेती एवं “लैब टू लैंड” पर जोर दिया. सोयाबीन की उत्पादकता स्थिर हो गई हैं, अतः इसे बढ़ाने के लिए जीनोम एडिटिंग, बी.बी.एफ. पद्धति अपनाने, बीज उपचार, पीला मोजेक वायरस प्रतिरोधी किस्में तैयार करने, सोयाबीन मूल्य संवर्धन, डी.ओ.सी. का बेहतर उपयोग करने तथा अन्य तकनीकी उपायों को अपनाने पर जोर दिया गया। आपने किसान की जरूरत के अनुसार वैज्ञानिकों को शोध करने का संदेश दिया। अंत में, ‘एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम ‘का नारा दिया गया।
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