बुवाई से मिल रहे बेहतर उत्पादन के संकेत
(निमिष गंगराड़े )
नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था कृषि की धुरी पर घूमती है। देश की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या की आय का स्त्रोत खेती ही है। इस रबी में देश भर से मिले बुआई के आंकड़े सकारात्मक संकेत दे रहे हैं। जलाशय भरे हैं। फसल की वर्तमान स्थिति उत्साहजनक है। कृषि मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार गेहूं की रिकॉर्ड तोड़ बुवाई हुई है, 24 जनवरी की स्थिति में गेहूं की 334.35 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो गई है, जबकि गत वर्ष समान अवधि में केवल 299.08 लाख हेक्टेयर में बोया गया था। याने पिछले वर्ष की तुलना में गेहूं 35.28 लाख हेक्टेयर में अधिक है।
अकेले मध्यप्रदेश में गेहूं का रकबा 20 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है। गत वर्ष म.प्र. में यह 60 लाख हेक्टेयर था जो बढ़ कर 80 लाख हेक्टेयर तक पंहुच गया है।
भारत सरकार के कृषि आयुक्त डॉ. एस.के. मल्होत्रा ने फसलों की वर्तमान स्थिति का आंकलन करते हुए कृषक जगत को बताया कि राज्यों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक फसलों की बढ़वार उत्साहप्रद है। रिकार्ड उत्पादन की आशा व्यक्त करते हुए आपने बताया भारत सरकार खाद्यान्न की निर्यात केंद्रित नीति पर कार्य कर रहा है, ताकि घरेलू बाजारों में जिंसों के दामों में संतुलन बना रहे। किसानों को अपनी आय दोगुनी करने के लिए गर्मियों में मूंग, उड़द की कम अवधि वाली फसलें लेना चाहिए। |
मानसूनी वर्षा की नवंबर तक निरंतरता बनी रहने के कारण देश के जलाशय उच्च स्तर तक पंहुच गए हैं, भूजल स्तर अच्छी तरह रिचार्ज हो चुका है और मृदा में नमी भी पर्याप्त है। इन अनुकूलताओं के कारण किसानों ने गेहूं की बुवाई को रिकॉर्ड स्तर पर पंहुचा दिया है। प्रेक्षकों के मुताबिक क्षेत्रफल बढऩे के साथ ही भरपूर उत्पादन बढ़ोत्री की संभावना है, पर खाद्यान्न की अधिकता कहीं-कहीं समस्या भी बन जाती है। अधिक उत्पादन के कारण रबी फसलों के दामों में गिरावट न हो, सरकार को अभी से एक्सपोर्ट केंद्रित नीति पर गंभीरता से काम करना होगा ताकि किसानों को उसकी उपज का बेहतर मूल्य मिले। रबी की कुछ फसलों को छोड़कर अधिकांश फसलों के दाम अधिक आवक की स्थिति समर्थन मूल्य से भी नीचे चले जाते हैं। वर्ष 2019-20 के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य 1925 रू. प्रति क्विंटल है।
चने का रकबा बढ़ा
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चने की बुवाई में गत वर्ष की तुलना में 11.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस रबी में 24 जनवरी तक की रिपोर्ट अनुसार 106.40 लाख हेक्टेयर में चने की बुवाई हुई थी जबकि समान अवधि में गत वर्ष ये केवल 95.89 लाख हेक्टेयर थी। इस प्रकार दलहन की कुल बुवाई भी गत वर्ष की तुलना में 9.20 प्रतिशत बढ़कर 159.18 लाख हेक्टेयर पर पंहुच गई है।
देश में चुनिंदा रबी फसलों की बुवाई | ||
(क्षेत्रफल लाख हेक्टेयर में) | ||
24 जनवरी 2020 की स्थिति | ||
फसल | 2019-20 | 2018-19 |
गेहूं | 334.35 | 299.08 |
धान | 26.11 | 21.15 |
दलहन | 159.18 | 150.6 |
चना | 106.4 | 95.89 |
मोटा अनाज | 54.83 | 47.08 |
ज्वार | 29.91 | 24.87 |
तिलहनी फसलें | 79.66 | 79.61 |
सरसों | 69.24 | 69.45 |
कुल रबी फसलें | 654.13 | 597.52 |