राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका: कृषि-उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए की गई पहलें

04 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका: कृषि-उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए की गई पहलें – भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने और टिकाऊ विकास सुनिश्चित करने के लिए कृषि और किसान कल्याण विभाग कई योजनाएं चला रहा है। इनमें ‘राष्ट्रीय कृषि विकास योजना’ (RKVY) के तहत 2018-19 से लागू ‘नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास’ कार्यक्रम प्रमुख है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान कर नवाचार और कृषि-उद्यमिता को प्रोत्साहित करना है। 5 नॉलेज पार्टनर्स और 24 RKVY एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटर्स (R-ABIs) की नियुक्ति की गई है, जो स्टार्टअप्स को प्रशिक्षण और इनक्यूबेशन सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।

इस कार्यक्रम के तहत, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के स्टार्टअप्स को उनके उत्पादों, सेवाओं और व्यावसायिक मंचों को लॉन्च करने के लिए आइडिया/प्री-सीड स्टेज पर 5 लाख रुपये तक और सीड स्टेज पर 25 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। इस पहल का उद्देश्य कृषि उत्पादन में सुधार, फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना और कृषि मूल्य श्रृंखला में टिकाऊ वृद्धि सुनिश्चित करना है।

यह जानकारी कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

कृषि भंडारण क्षमता बढ़ाने की योजनाएं

कृषि भंडारण सुविधाओं को मजबूत करने के लिए ‘कृषि विपणन अवसंरचना योजना’ (AMI), जो ‘समेकित कृषि विपणन योजना’ (ISAM) का हिस्सा है, के तहत गोदामों और वेयरहाउस का निर्माण और नवीनीकरण किया जा रहा है। इसके साथ ही, ‘कृषि अवसंरचना कोष’ (AIF) के माध्यम से कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।

AIF के तहत 2025-26 तक ₹1 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य के साथ मध्यम और दीर्घकालिक ऋण प्रदान किए जा रहे हैं। इसमें 2 करोड़ रुपये तक के ऋण पर 9% की सीमित ब्याज दर, 3% की वार्षिक ब्याज सब्सिडी, और 7 वर्षों तक क्रेडिट गारंटी शुल्क की प्रतिपूर्ति की सुविधा है।

औद्योगिक और हरित कृषि विकास की दिशा में कदम

AIF योजना कृषि-औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ ‘प्रधानमंत्री माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज औपचारिककरण योजना’ (PMFME) और ‘प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान’ (PM-KUSUM) जैसी योजनाओं के साथ समन्वय स्थापित करती है। यह नवाचार, सटीक कृषि और मूल्य-वर्धित उत्पादों को बढ़ावा देती है और कृषि स्टार्टअप्स और उद्यमियों को सशक्त बनाती है।

साथ ही, हरित कृषि के लिए डिजिटल उपकरणों और पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन प्रयासों के माध्यम से ग्रामीण औद्योगिकीकरण को बढ़ावा, रोजगार सृजन और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों के बाजारों को विस्तार दिया जा रहा है।

यह योजनाएं भारतीय कृषि को सुदृढ़ और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं, लेकिन उनके प्रभाव को दूरदराज और छोटे किसानों तक पहुंचाना अभी भी एक चुनौती बनी हुई है।

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