राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

ग्रामीण विकास की नई योजना: 80% जिलों में सहकारी बैंक खोलने का लक्ष्य

27 नवंबर 2024, नई दिल्ली: ग्रामीण विकास की नई योजना: 80% जिलों में सहकारी बैंक खोलने का लक्ष्य – नई दिल्ली के भारत मंडपम में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राज्य सहकारी बैंक महासंघ लिमिटेड (NAFSCOB) के हीरक जयंती समारोह और ग्रामीण सहकारी बैंकों की राष्ट्रीय बैठक में भाग लिया। इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री श्री कृष्णपाल, श्री मुरलीधर मोहोल, और सहकारिता मंत्रालय के सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

श्री अमित शाह ने PACS (प्राथमिक कृषि ऋण समितियों), जिला सहकारी बैंक और राज्य सहकारी बैंक के त्रिस्तरीय ढांचे की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये संस्थाएं भारत के 13 करोड़ किसानों को शॉर्ट-टर्म कृषि ऋण उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाती हैं। श्री शाह ने बताया कि सहकारिता मंत्रालय PACS के जरिए लॉन्ग-टर्म फाइनेंस की संभावनाएं तलाश रहा है, जिससे किसानों को दीर्घकालिक योजनाओं के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी।

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PACS में बदलाव से होगा गांवों का विकास

श्री शाह ने कहा कि PACS को पारंपरिक कार्यशैली से आधुनिक और तकनीकी रूप से सुसज्जित बनाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि PACS अब प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र, डेयरी, और मछुआरा समितियों जैसी गतिविधियों में भी भाग ले सकते हैं। साथ ही, 39,000 से अधिक PACS को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के रूप में स्थापित किया गया है, जो 300 से अधिक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों में देश के 80% जिलों में जिला सहकारी बैंकों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, सहकारी संस्थाओं को पारदर्शी और वायबल बनाने के लिए व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता को नई दिशा देने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए श्री शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में सुधार और विस्तार से भारत न केवल अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि गांवों और किसानों के जीवन को भी बदल देगा।

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NAFSCOB की अहम भूमिका

श्री शाह ने NAFSCOB की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान सहकारी बैंकों और PACS का मार्गदर्शन करने और सहकारी ऋण योजनाओं की पारदर्शिता बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

श्री शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में “Cooperation Among Cooperatives” की भावना को मजबूत करने की आवश्यकता है, जिससे न केवल आर्थिक विकास होगा बल्कि गांवों और किसानों को सशक्त बनाने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

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