National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

सी डी एफ टी में राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस आयोजन

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07 दिसम्बर 2022, नई दिल्ली: सी डी एफ टी में राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस आयोजन – भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जन्म जयंती को राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है । इसी क्रम में एम पी यू ए टी के संघटक दुग्ध एवं खाद्य प्रोद्योगिकी महाविद्यालय में  राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस का आयोजन किया गया । इस अवसर पर अधिष्ठाता डॉ. लोकेश गुप्ता ने कृषि की कई बारीकियो पर विस्तार से चर्चा की । साथ ही उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आम जनता की समझ और गफलत की भी बहुआयामी विवेचना की ।  दुग्ध एवं खाद्य प्रोद्योगिकी की विभागाध्यक्ष डॉ निकिता वधावन ने बताया कि इस अवसर पर महाविद्यालय में सरस्वती उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं द स्टेनवर्ड उच्च माध्यमिक विद्यालय में  कक्षा ग्यारहवी एवं बारहवी में अध्ययनरत तक़रीबन 220 विद्यार्थियों ने महाविद्यालय का भ्रमण किया एवं दुग्ध प्रोद्योगिकी एवं खाद्य प्रोद्योगिकी में प्रवेश से संबंधित विभिन्न जिज्ञासा को शांत किया। महाविद्यालय के टमाटर केचप प्लांट एवं दुग्ध पाउडर प्लांट को देख कर जहाँ ये विद्यार्थी आल्हादित थे वही इन प्लांट पर अनवरत प्रश्नोत्तर से उनका शैक्षणिक भ्रमण वास्तव में सार्थक हो गया।

 “महाविद्यालय के प्रथम अधिष्ठाता स्वर्गीय डॉ. राजे सिंह रावत की स्मृति में उनके परिवारजन एवं महाविद्यालय की पूर्व छात्र परिषद् द्वारा प्रारंभ की गयी वार्षिक छात्रवृति भी इसी अवसर पर श्री देवेन्द्र सिंह राणा, श्री अर्पित नागर एवं श्री संदीप मेहता को प्रदान की गयी। गौरतलब है की डॉ. रावत के परिजनों द्वारा एवं महाविद्यालय की पूर्व छात्र परिषद् द्वारा एकमुश्त राशी को फिक्स्ड डिपाजिट करा दिया गया है एवं प्रतिवर्ष इसका ब्याज जरूरतमंद एवं प्रतिभावान विद्यार्थियों को वार्षिक छात्रवृति के रूप में प्रदान किया जाता है।

इस अवसर पर डॉ. अरुण कुमार , श्री कमलेश मीना, श्रीमती गुरिंदर कौर एवं सुश्री हर्षिता सोनार्थी का सराहनीय योगदान रहा ।

कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने अपने सन्देश में सभी विद्यार्थियों को कृषि शिक्षा चयन करने पर बधाई प्रेषित की और आह्वान किया की भारतवर्ष को समृद्ध कृषि जगत का सिरमौर बनाना हम सभी का प्रथम उद्देश्य होना चाहिए। अपने सन्देश में उन्होंने कहा की कृषि क्षेत्र में अनुसन्धान की असीमित सम्भावनाए है क्योंकि कृषि में काफी चुनौतिया आज भी है और दायित्वपूर्ण और गुणवत्तापूर्ण अनुसन्धान से ही उन चुनौतियों का सामना कर देश को समृद्ध कृषि जगत का सिरमौर बनाया जा सकता है।

महत्वपूर्ण खबर: कपास मंडी रेट (05 दिसम्बर 2022 के अनुसार)

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