श्री नरेन्द्र मोदी: आधुनिक भारत के युगदृष्टा
लेखक: धर्मेन्द्र सिंह लोधी, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग
यद्यदाचरति श्रेष्ठसतत्तदेवेतरो जनः।
स यत्प्रमाणं कुरूते लोकस्तदनुवर्तते।।
- श्रीमद्भगवदगीता
अर्थात् महापुरूष जो आचरण करते हैं, सामान्य व्यक्ति उसी का अनुसरण करते हैं। वह अपने अनुकरणीय कार्यों से जो आदर्श प्रस्तुत करते हैं, सम्पूर्ण विश्व उसका अनुसरण करता है। आधुनिक विश्व में ऐसे ही एक युगपुरूष भारत के यषस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी हैं, जिन्होने न केवल भारत में अपितु संपूर्ण विश्व में मानव कल्याण के उच्च आयाम स्थापित किये हैं। आधुनिक भारत में नरेन्द्र मोदी जी का जीवन चरित्र भारतीयता और राष्ट्रीयता का पर्याय माना जा सकता है। उनके चिंतन में और उनके कार्याें में राष्ट्रवाद की भावना हमेशा सर्वोपरि रही है। भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी जी ने भारत की उस महान राष्ट्रीय परम्परा और गौरवशाली इतिहास को पुर्नजीवित किया है जो लंबी पराधीनता के कारण रसातल में चला गया था।
वर्ष 1947 में प्राप्त स्वतंत्रता के पश्चात् वर्ष 2014 तक भारत के राजनीतिक क्षितिज पर छाए धुँधलके में प्रधानमंत्री के रूप में एक सूर्य का अभाव सदा ही सालता रहा। यह अभाव श्री नरेन्द्र मोदी जी के माननीय प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने पर ही पूरा हो सका। एक प्रधानमंत्री के रूप में माननीय नरेन्द्र मोदी जी के कुशल एवं सशक्त नेतृत्व में आज भारत विकास और समृद्धि के उच्चतम शिखर को स्पर्श कर रहा है। भारत अब दुनिया की पाँचवी सबसे बडी अर्थव्यवस्था बन चुका है। वर्ष 2014 से अब तक भारत की जीडीपी 162 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। इसी अवधि में प्रत्येक भारतीय की औसत आय दो गुनी से भी अधिक हो गई है। विदेशी मुद्रा भण्डार इस अवधि में 290 अरब डॉलर से बढ कर 620 अरब डॉलर हो चुका है। विगत लगभग 10 वर्षों में देश के अधोसंरचनात्मक विकास ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को भी प्रोत्साहित किया है। यह सब भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के भागीरथी प्रयासों से ही संभव हो सका है।
हमारे देश में गरीबों के हित के लिए अक्सर भारत सरकार द्वारा नई-नई योजनाओं की शुरुआत की जाती है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वर्तमान में संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना भी ऐसी ही एक लाभकारी योजना है। इस योजना के कारण भारत की करोड़ों ग्रामीण जनता का स्वयं के घर का सपना साकार हुआ है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा वर्ष 2015 में ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘‘ योजना आरंभ की थी। इस योजना से पूरे जीनवकाल में शिशु लिंग अनुपात को सन्तुलित करने में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई है। यह अभियान न केवल भारत बल्कि समूचे विश्व में चर्चित और प्रचारित हुआ था। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आयोग्य योजना के द्वारा आज संपूर्ण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के नये मापदण्ड स्थापित किये गये हैं। देशवासियों को 5 लाख रूपये तक का निःशुल्क उपचार कराया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से प्रधानमंत्री का यह कदम निश्चित हीं एक मील का पत्थर है।
माननीय मोदी जी द्वारा आरंभ की गई जन धन योजना का विजन आगामी कई पहलों के लिए बुनियाद का काम करेगा। मोदी जी के लिए इसका आशय है अधिकतम लक्ष्य की प्राप्ति। खर्च होने वाले प्रत्येक रुपये का अधिकतम प्रतिफल। देश के गरीबों का अधिकतम सशक्तिकरण। जनता के बीच तकनीक का अधिकतम प्रसार। आजादी के 67 साल बाद भी भारत में बड़ी संख्या में ऐसी आबादी थी जिन्हें बैंकिंग सेवाएं हासिल नहीं थीं। इसका अर्थ था कि उनके पास न तो बचत का कोई जरिया था, न ही संस्थागत कर्ज पाने का कोई अवसर। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बुनियादी मसले का समाधान करने के लिए जन धन योजना की शुरुआत की है और सुखस्य मूलम धर्मः, धर्मस्य मूलम अर्थः, अर्थस्य मूलम राज्यमश् के मूल विचार को साकार किया ।
वर्ष 2014 के बाद से माननीय नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की राजनैतिक दशा में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास को साथ लेकर विकास और प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़े हैं। विगत दस वर्षों में सामाजिक सरोकार के जो कार्य हमारे देश में किये गये हैं, उनकी प्रतीक्षा देश की जनता आजादी के बाद से कर रही थी। जल जीवन मिशन के माध्यम से संपूर्ण भारत के हर घर में पेयजल उपलब्ध कराने का संकल्प माननीय नरेन्द्र मोदी द्वारा लिया गया है और काफी हद तक यह कार्य पूर्ण भी हो चुका है। मुझे लगता है जल जीवन मिशन आजाद भारत की सबसे महत्वाकांक्षी और सामाजिक सरोकार की सर्वश्रेष्ठ योजना है, जिसको मूर्त रूप देने का विचार माननीय नरेन्द्र मोदी जी के चिंतन में ही पल्लवित हुआ है।
आजादी के बाद देश के तत्कालीन जिम्मेदार नेताओं की गलतीयों के कारण जम्मू कष्मीर में धारा 370 को लागू किया गया था जिसके कारण कष्मीर भारत वर्ष की मुख्यधारा से अलग सा हो गया था और लाखों कश्मीरी पंडितों को या तो जान देकर या फिर विस्थापित होकर इसका खामियाजा भुगतना पड़ा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर से धारा 370 हटाकर एक अभूतपूर्व कार्य किया है, जिसके कारण कश्मीर में अब विकास और समृद्धि का नया सूर्योदय हुआ है। तीन तलाक का मामला हो, नागरिकता अधिनियम में संषोधन हो, गरीब कल्याण की बात हो या महिला सशक्तिकरण के प्रयोजन हो प्रधानमंत्री मोदी ने समाज के हर वर्ग के लिये सामाजिक सरोकार के अनेक अभूतपूर्व कार्यों को मूर्त रूप दिया है।
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने कई बड़े चुनावी वादे किए थे। उन सभी को केंद्र सरकार ने उनके नेतृत्व में पूरा किया गया है। हिंदुओं, जैन, पारसियों, बौद्धों, ईसाइयों और पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में प्रताड़ित सिखों को भारत में स्थान देकर यहाँ का नागरिक बनने का अधिकार देने का भी वादा करने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने राम मंदिर के निर्माण और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने की प्रतिबद्धता भी जताई थी। इन सभी बहुप्रतीक्षित कार्यों को माननीय नरेन्द्र मोदी जी ने पूरा किया है।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कर माननीय नरेन्द्र मोदी जी ने न केवल भारतीय जनता पार्टी के पुरोधा विचार को साकार किया है अपितु देश के समस्त सनातन समुदाय की आकांक्षाओं को भी पूर्ण किया है। भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विकास के लिये प्रधानमंत्री मोदी लगातार काम कर रहे हैं। उन्होने भारत वर्ष संस्कृति, गौरवशाली परम्पराओं और आध्यात्मिक विचारों को देश की सीमाओं से बाहर संपूर्ण विश्व में प्रसारित कर स्वामी विवेकानंद के उन विचारों को साकार किया है जो स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में प्रकट किये थे।
नीतिशास्त्र कहता है – तस्मात् नित्योत्यितो राजा कुर्मादर्थानुषासनम्।
अर्थस्य मूलमतथनमर्थस्य विपर्ययः।।
अर्थात् राजा को चाहिये कि वह हमेशा उद्योगशील होकर, व्यवहार संबंधी तथा राज्य संबंधी कार्यों को उचित रीति से पूरा करे। इसी नीति का अनुसरण कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी नित्य उद्योगशील रहकर राष्ट्र और मानव कल्याण के कार्यों में क्रियाशील रहते हैं। उन्होने आजादी के अमृतकाल में आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने का संकल्प लिया है। उनके नेतृत्व में भारत वर्ष में संरचनात्मक एवं प्रक्रियात्मक परिवर्तन की एक नई यात्रा आगे बढ़ी है। यह भारत के जन-जन को सशक्त बनाने और अपनी परम्परागत खोई हुई पहचान को पुर्नस्थापित करने की यात्रा है। इस यात्रा के पैरोकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं जिनके नेतृत्व में हमारा देश समग्र प्रगति और समृद्धि की ओर बढ़ रहा है।
एक राजा को राष्ट्र की उन्नति और सुरक्षा के लिये कौन-कौन से कार्य करने चाहिये इसका बहुत हीं सुंदर उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है –
अभीवर्तेन मणिना येनेन्द्रो अभिवावृधे।
तेनास्मान् ब्रह्मणस्पतेऽमि राष्ट्राय वर्धये।।
अर्थात् जिस समृद्धि प्रदान करने वाले मणि के द्वारा इंन्द्र की प्रगति हुई है, उसी मणि के द्वारा आप हमे राष्ट्र कल्याण करने के उद्देश्य में विस्तृत करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूप में भारत के पास भी एक ऐसी मणि है जो सदैव राष्ट्र कल्याण के चिंतनशील और प्रगतिशील है। प्रधानमंत्री मोदी भारत वर्ष को समग्र रूप से आत्मनिर्भर बनाने का स्वप्न देखते हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप जनतंत्र की अंतिम पंक्ति में खडे़ व्यक्ति को सषक्त और आत्म निर्भर बनाना चाहते हैं। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में अनेक कल्पनातीत विचारों ने साकार रूप लिया है। उनके विचारों, नीतियों और आदर्श का अनुकरण केवल भारतवर्ष ही नहीं कर रहा है, बल्कि संपूर्ण विश्व उनके दर्शन और चिंतन से प्रभावी है। प्रधानमंत्री मोदी आधुनिक भारत के युगदृष्टा हैं जो भारतवर्ष को विश्व की सर्वाधिक शक्ति संपन्न सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनाने के पुनीत पथ पर प्रगतिशील हैं। उनकी राष्ट्र साधना एवं सामाजिक सरोकार के अनगिनत पुनीत कार्यों को देखकर हम यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि यह सब असंभव से दिखने वाले कार्य किसी सामान्य से दिखने वाले एक व्यक्तित्व ने कैसे संभव कर दिखाए हैं। यह अवश्य ही भारत भाग्य विधाता के रूप में देवात्मा हिमालय में सूक्ष्म शरीर से साधनारत असंख्य ऋषि चेतनाओं के आशीर्वाद से ही संभव हो सका है। ऐसे यषस्वी व्यक्तित्व और हमेशा राष्ट्र साधना में लीन रहने वाले श्री नरेन्द्र मोदी जी को अपने देश के प्रधानमंत्री के रूप में पाकर हम और भारत की करोड़ों जनता स्वयं को धन्य मानती है।
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